- क्रिकेट इतिहास में 15 जनवरी
- बना था टेस्ट क्रिकेट इतिहास का सबसे दिलचस्प रिकॉर्ड
- भारतीय खिलाड़ी ने वो कर दिखाया था जो कोई नहीं कर सका
नई दिल्लीः किसी भी खेल में जब कोई युवा खिलाड़ी पहली बार मैदान पर उतरता है तो उसका लक्ष्य किसी भी तरह अपनी छाप छोड़ने पर रहता है। इसकी सबसे बड़ी वजह होती है, ताकि उसको दोबारा मौका दिया जाए और उस पर विश्वास किया जा सके। क्रिकेट के मैदान पर भी आपने कई खिलाड़ियों को शानदार अंदाज में डेब्यू करते देखा होगा..लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा था जिसके आगाज के सामने सब फीका रहा। वो कमाल आज (15 जनवरी) ही पूरा हुआ था। आज तक करियर की ऐसी शुरुआत कोई खिलाड़ी नहीं कर सका और कर पाना भी आसान नहीं होगा।
यहां चर्चा हो रही है भारत के पूर्व क्रिकेटर नरेंद्र हिरवानी की, लेगब्रेक गुगली के लिए मशहूर इस भारतीय स्पिनर को जब 1988 में पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका दिया गया तब वो सिर्फ 19 साल के थे। चेन्नई में भारतीय टीम का सामना था वेस्टइंडीज की दिग्गज टीम के खिलाफ। उस समय भारतीय कप्तान रवि शास्त्री ने नरेंद्र हिरवानी पर भरोसा जताया और फिर इतिहास रचा गया।
वो ऐतिहासिक गेंदबाजी
मैच में 19 वर्षीय नरेंद्र हिरवानी मैदान पर उतरे और ऐसी गेंदबाज की जिसने दुनिया को हैरान कर दिया। भारत ने पहली पारी में कपिल देव के शतक के दम पर 382 रन बना लिए थे। जब वेस्टइंडीज जवाब देने उतरी तो हिरवानी ने 18.3 ओवर में कुल 61 रन लुटाते हुए 8 विकेट झटक लिए। अकेले दम पर इस युवा खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज की टीम को 184 रन पर पवेलियन लौटने पर मजबूर कर दिया।
बेशक पहली पारी में हिरवानी ने जो किया वो ऐतिहासिक था लेकिन वो सिर्फ एक ट्रेलर जैसा था, क्योंकि 15 जनवरी को मैच की अंतिम पारी में इस स्पिनर ने जो किया उसने गजब कर दिया। भारत ने दूसरी पारी में 8 विकेट पर 217 रन बनाने के बाद पारी घोषित कर दी थी और वेस्टइंडीज के सामने अब 416 रनों का विशाल लक्ष्य था।
हिरवानी ने वेस्टइंडीज की इस दूसरी पारी में 15.2 ओवर किए और कुल 75 रन लुटाते हुए फिर से 8 विकेट झटक लिए। यानी इस 19 साल के स्पिनर ने एक मैच में 16 विकेट लेकर करियर का आगाज किया जो कि डेब्यू में आज भी किसी खिलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का रिकॉर्ड कायम है।
1895 में भी इसी तारीख पर हुआ था कुछ ऐसा
वेस्टइंडीज के खिलाफ 1988 में नरेंद्र हिरवानी ने जो किया वैसी ही एक झलक उससे काफी पहले 1895 में देखने को मिली थी। ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हुए एलबर्ट ट्रॉट ने इंग्लैंड के खिलाफ एडिलेड के मैदान पर अपने करियर की पहली पारी में 43 रन देकर 8 विकेट झटके थे। वो कमाल भी 15 जनवरी को ही हुआ था लेकिन किसी को क्या पता था कि 93 साल बाद 1988 में एक युवा भारतीय स्पिनर दोनों पारियों में 8-8 विकेट लेकर उससे भी बड़ा कुछ कर दिखाएगा।
हालांकि पहली पारी में कम रन लुटाने की वजह से डेब्यू में पहली पारी का रिकॉर्ड ट्रॉट के नाम ही दर्ज है। जबकि डेब्यू मैच में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का रिकॉर्ड नरेंद्र हिरवानी के नाम दर्ज है। ट्रॉट इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दोनों देशों के लिए क्रिकेट खेले थे। ट्रॉट ने करियर में सिर्फ 5 टेस्ट खेलते हुए 26 विकेट लिए। जबकि हिरवानी ने 17 टेस्ट खेले और 66 विकेट लिए।