- पीएसएल के आगाज से पहले उमर अकमल पर लगा था स्पॉट फिक्सिंग का आरोप
- 20 फरवरी को पीसीबी ने उनके कर दिया था अस्थाई तौर पर निलंबित
- उमर के खिलाफ पीसीबी ने दो आरोप तय करने के बाद दिया था जवाब देने के लिए 15 दिन का समय
कराची: पाकिस्तान सुपर लीग के हालिया सीजन के आगाज से ठीक पहले पाकिस्तानी खिलाड़ी उमर अकमल को भ्रष्टाचार के आरोप में 20 फरवरी को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद पीसीबी ने उन्हें फ्रेंचाइजी क्वेटा ग्लेडिएटर्स की ओर से खेलने से रोक दिया था और भ्रष्टाचार के आरोपों का जांच शुरू कर दी थी। ऐसे में पीसीबी की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई ने मामले की जांच के बाद अकमल के खिलाफ आरोप तय करके उन्हें 15 दिन में जवाब देने को कहा था।
ऐसे में अब विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार आरोपों के खिलाफ अपील नहीं करने का फैसला किया है जबकि उन पर आरोप तय करने वाले पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने यह मामला अपने अनुशासनात्मक पैनल को सौंप दिया है। पीसीबी का आरोप है कि पीएसएल के दौरान उनसे स्पॉट फिक्सिंग के लिये संपर्क किया गया था और इसके बाद उन्होंने बोर्ड को इसकी रिपोर्ट नहीं की थी।
यह स्पष्ट होने के बाद कि अकमल ने सुनवाई के लिये अनुरोध नहीं किया है, पीसीबी ने यह मामला अपने अनुशासनात्मक पैनल को सौंपने का फैसला किया जिसके अध्यक्ष लाहौर हाईकोर्ट के पूर्व जज फजल मिरान चौहान हैं। पीसीबी ने कहा कि अकमल ने कारण बताओ नोटिस का जो जवाब दिया है उसमें सुनवाई के लिये आग्रह नहीं किया है। ऐसे में रिपोर्ट्स आ रही हैं कि उमर अकमल द्वारा भ्रष्टाचार के दोनों आरोपों को स्वीकार करने के बाद उनपर छह महीने से लेकर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है।