- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट एडिलेड के मैदान पर
- सीरीज शुरू होने से पहले विराट कोहली और टिम पेन शब्दों के युद्ध में उलझे
- स्लेजिंग को लेकर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने दिया बड़ा बयान
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज हमेशा ही बेहद आक्रामक रही है। दोनों टीमों के खिलाड़ी छींटाकशी करने से पहले दो बार नहीं सोचते और मैदान पर हंगामा शुरू हो जाता है। दशकों से ये सिलसिला जारी है, पिछली बार जब भारतीय टीम यहां आई थी, तब भी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन (Tim Paine) और भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों के बीच मैदान पर कहासुनी-छींटाकशी (Sledging) हुई थी। क्या इस बार भी ऐसा ही होगा? टेस्ट सीरीज शुरू होने से ठीक पहले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने जो बयान दिया है, उससे तो यह लगता है।
सीरीज शुरू होने से पहले जब दोनों टीमों के कप्तान मीडिया से मुखातिब हुए तो स्लेजिंग को लेकर सवाल उठना लाजमी था। इसके सवाल पर टिम पेन का कहना है कि अगर मैच के दौरान इसकी जरूरत पड़ती है तो वो इससे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हां, देखिये, जहां तक मैदान के अंदर की बात है तो हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।’’
पेन ने कहा, ‘‘आप निश्चित रूप से योजना बनाकर नहीं जा सकते या फिर अतिरिक्त आक्रामक या ऐसा कुछ नहीं कर सकते। हम मैदान पर जाकर अपनी योजना के अनुसार चलने की कोशिश करते हैं।’’ लेकिन पेन ने स्वीकार किया कि कभी कभार मैदान पर चीजें आक्रामक हो जाती हैं। और अगर ऐसा होता है तो उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं कि यह टीम पीछे कदम नहीं करेगी।’’
बदला-बदला सा लगा विराट कोहली का नजरिया
वहीं, भारतीय कप्तान विराट कोहली की बात की जाए तो उनका अंदाज थोड़ा बदला-बदला सा लगा। वो इस सीरीज में सिर्फ पहले टेस्ट का हिस्सा होंगे जिसके बाद वो पितृत्व अवकाश पर जा रहे हैं। क्या पहले टेस्ट में विराट स्लेजिंग करते दिखेंगे? इससे जुड़े सवाल पर विराट कोहली का कहना है कि छींटाकशी व्यर्थ चीज है और उन्होंने वादा किया कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज के दौरान ‘गैर जरूरी चीजों को बाहर कर दिया जायेगा’।
महामारी ने बदल दिया
कोहली ने यहां डे-नाइट टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘मुझे लगता है कि महामारी के कारण इस साल लोगों ने बहुत सारी चीजें महसूस की हैं जिनकी पहले शायद जरूरत नहीं पड़ी होगी जिसमें आपके मन में शिकायत रहती है या फिर टीमों या व्यक्तियों के बीच गैर जरूरी तनाव होता हो जो पूरी तरह से व्यर्थ है।’’
भारतीय कप्तान को हालांकि लगता है कि अगर कोई आक्रामक होता है तो किसी को व्यक्तिगत होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘आप फिर भी पेशेवर हो और सुनिश्चित कीजिये कि आप सकारात्मक रहो और अपने शारीरिक हावभाव व मैदान में आप कैसे चीज करते हो, उसमें आक्रामक रहो।’’
कोहली ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि चीजें उस तरह से व्यक्तिगत होंगी जैसे पहले हुआ करती थीं क्योंकि हम सभी समझते हैं कि हम बड़े उद्देश्य में योगदान दे रहे हैं। और अंत में गैर जरूरी चीजों को मैं खुद ही बाहर कर दूंगा।’’