- शेन वॉर्न का दिल का दौरा पड़ने से निधन
- शेन वॉर्न की आंखों के रंग अलग-अलग थे
- शेन वॉर्न ने 1001 इंटरनेशनल विकेट लिए
ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उन्होंने 52 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। शेन वॉर्न थाईलैंड में अपने विला में थे, जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा। शेन वॉर्न के निधन की खबर से पूरा क्रिकेट जगत शोक में डूबा हुआ है। कई लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि वॉर्न इतनी जल्दी साथ छोड़कर चले गए हैं।
दुनियाभर के क्रिकेटर्स ने वॉर्न के साथ जुड़ी अपनी यादों को साझा किया। अधिकांश क्रिकेटरों ने वॉर्न को जिंदादिल और शानदार व्यक्ति बताया। हालांकि, शेन वॉर्न उन चुनिंदा लोगों में से एक थे, जिनकी दोनों आंखों के रंग अलग-अलग थे। जी हां, दुनियाभर के बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाने वाले वॉर्न की एक आंख का रंग नीला जबकि दूसरी आंख का रंग हरा था। आखिर, ऐसा क्यों था, वॉर्न की आंखो के अलग-अलग रंग के पीछे की असली वजह क्या है?
इसके अलावा शेन वॉर्न अपने 6 दांव के लिए जाने जाते थे, जिसके सामने दिग्गज बल्लेबाज भी फिसड्डी साबित होते थे। चलिए आपको बताते हैं कि वॉर्न की आंखो के रंग अलग क्यों और उनके पास कौनसे 6 सबसे मजबूत मिश्रण थे।
हेट्रोक्रोमिया के थे शिकार
शेन वॉर्न की महिलाओं में दीवानगी किस हद तक रही है, ये तो सभी बेहतर तरीके से जानते हैं। उनके अफेयर से लेकर कंट्रोवर्सी तक महिलाओं के बीच उनका क्रेज बरकरार रहा। शेन वॉर्न ने कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर अपनी एक सेल्फी पोस्ट की थी। इसमें वॉर्न ने खुलासा किया था कि उनकी दोनों आंखों के रंग अलग-अलग इसलिए हैं क्योंकि वो हेट्रोक्रोमिया के शिकार हैं। हेट्रोक्रोमिया का असर उनकी त्वचा और बालों पर भी पड़ रहा था। वॉर्न ही नहीं, कई सेलेब्रिटीज इस समस्या से जूझ रही हैं।
शेन वॉर्न के 6 दांव
1) लेग स्पिन - शेन वॉर्न की लेग स्पिन बल्लेबाजों को आउट करने के लिए प्रमुख हथियार रही। सबसे ज्यादा विकेट उन्होंने इसी गेंद से लिए। वॉर्न अपनी हथेली से गेंद को पकड़कर स्पिन कराने की कोशिश करते थे। हालांकि, बल्लेबाज का सर चकरा जाता था क्योंकि वो लेग स्पिन खेलने जाता था और गेंद बहुत ज्यादा टर्न हो जाती थी कि उसके आउट होने के ज्यादा मौके बढ़ जाते थे।
2) टॉप स्पिन- सबसे आसान गेंद, लेकिन वॉर्न के सामने बल्लेबाजों के लिए इस पर रन बनाना बिलकुल भी आसान नहीं होता था। टॉप स्पिन के मायने थे कि यह गेंद शॉर्ट लेंथ पर पड़ती थी, तेजी से टप्पा खाती थी और अपेक्षा से ज्यादा उछाल प्राप्त करती थी।
3) फ्लिपर - शेन वॉर्न का एक और बेहतरीन हथियार। बल्लेबाज को बोलकर भी वो इस गेंद का इस्तेमाल करते थे और विकेट निकाल लेते थे। वॉर्न की फ्लिपर की खासियत थी कि उनके एक्शन से बल्लेबाज को जरा भी अंदाजा नहीं हो पाता था कि वो तेज गेंद डालने जा रहे हैं। वॉर्न लेंथ पर तेज गति से गेंद डालते थे, जिसमें बल्लेबाज के पास बल्ला अड़ाने का समय कम होता था। इस गेंद से वॉर्न ने काफी सफलता प्राप्त की।
4) गूगली - रांग वन या गूगली, ये भी वॉर्न के सबसे कीमती हथियारों में से एक रही। लेग स्पिन होने के बावजूद गेंद को उसी एक्शन के सहारे ऑफ स्पिन कराने की अपार क्षमता वॉर्न में थी। वॉर्न दुनिया के इकलौते स्पिनर थे, जिनके पास तीन से ज्यादा मिश्रण थे। गूगली वॉर्न का मजबूत हथियार था, जो बल्लेबाजों के लिए किसी पहेली से कम नहीं था।
5) स्लाइडर - इस गेंद को डालने के लिए किसी भी गेंदबाज को काफी मेहनत करना पड़ती है। स्लाइडर गेंद डालने के लिए लेग स्पिनर का अंगूठा बल्लेबाज की दिशा में होना चाहिए। यह गेंद ओवर पिच लेंथ पर गिरती है और बल्लेबाज की अपेक्षा से विपरीत बहुत कम उछाल प्राप्त करती है। बल्लेबाज को उलझाने के लिए इस गेंद का प्रयोग किया जाता रहा।
6) जूटर - शेन वॉर्न की यह रहस्यमयी गेंद थी। इस गेंद ने दिग्गज बल्लेबाजों को बहुत चौंकाया। शेन वॉर्न की यह गेंद मिडिल स्टंप पर पड़कर सीधी पैड पर आती थी, बल्लेबाज इस उलझन में रहता था कि गेंद लेग स्पिन होगी, या गूगली पड़ेगी, जबकि यह गेंद एकदम सीधी रहती थी और इसमें उछाल भी कम होता था। शेन वॉर्न की इस गेंद ने कई बल्लेबाजों के होश उड़ाए हैं।