- वसीम जाफर ने किया खुलासा, बताया क्यों फिर से नहीं आया टीम इंडिया का बुलावा
- प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 19 हजार से ऊपर रन बनाए वसीम जाफर ने
- रणजी ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 57 शतकों का रिकॉर्ड
जयपुर: भारत के सबसे प्रतिष्ठित प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक 12038 रन, प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 19000 से ज्यादा रन। औसत 50.67 का। ये आंकड़े हैं भारत के सबसे सफल प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों में से एक वसीम जाफर का जिन्होंने हाल ही में क्रिकेट को अलविदा कहा। घरेलू क्रिकेट में इतने शानदार रिकॉर्ड के बावजूद वो सिर्फ 31 टेस्ट मैच खेल पाए और टीम से बाहर होने के बाद उनको फिर से बुलावा भी नहीं आया। फैंस इसे नाइंसाफी मानते आए हैं लेकिन अब वसीम जाफर ने अपनी कहानी पर खुद बयान दिया है।
भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर को लगता है कि अगर वो निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते तो राष्ट्रीय टीम के लिए 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल सकते थे। जाफर ने स्पोटर्सटाइगर के शो ऑफ द फील्ड पर कहा, 'मैं निरंतर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा था। अगर करता तो 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेलता। मैं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा निरंतर नहीं था, इसलिए मुझे बाहर कर दिया गया।' उन्होंने कहा, मैं अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की तुलना में अपने प्रथम श्रेणी करियर की वजह से ज्यादा मशहूर रहा।
दरवाजा खटखटाता रहा..लेकिन धवन का चयन हो गया
वसीम जाफर ने कहा, '2012-13 में मैं दोबारा टीम में जाने के करीब था, लेकिन शिखर धवन का चयन हो गया। कई बार मैं काफी करीब पहुंचा लेकिन जगह नहीं बना पाया। चयनकर्ता इस बारे में सटीक जवाब दे सकते हैं, लेकिन मैं बार-बार दरवाजा खटखटाता रहा।'
अब बने हैं कोच
जाफर ने इसी साल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया है और वो उत्तराखंड टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए हैं। अपने इस नए रोल पर जाफर ने कहा, 'ये काफी अच्छी चीज है, जो मेरे लिए काफी नई है। मैंने कोचिंग की है लेकिन मुख्य कोच के तौर पर नहीं। मैंने बल्लेबाजी सलाहकार के रूप में काम किया है और थोड़ा बहुत कोचिंग में मदद की है, लेकिन पूरी टीम को साथ लेकर चलना काफी चुनौतीपूर्ण है। मैं इसके लिए तैयार हूं।'
इतने भी बुरे नहीं थे टेस्ट क्रिकेट के आंकड़े
256 प्रथम श्रेणी मैचों में 50.67 की औसत से 19,211 रन बनाने वाले वसीम जाफर ने 57 प्रथम श्रेणी शतक लगाए और उनका बेस्ट स्कोर 314 रन की पारी रहा। अगर टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो बेशक वो निरंतर नहीं रहे लेकिन उनके आंकड़े इतने भी खराब नहीं रहे। उन्होंने 31 टेस्ट मैच खेले और 34.11 की औसत से 1944 रन बनाए जिसमें 5 शतक, 11 अर्धशतक और एक दोहरा शतक (212 रन की पारी) भी शामिल था।