- बिन्नी ने साल 2014 में किया था टीम इंडिया के लिए डेब्यू
- बांग्लादेश के खिलाफ किया था अपने करियर का सबसे यादगार प्रदर्शन
- साल 2016 में आखिरी बार टीम इंडिया की जर्सी में खेलते आए थे नजर
नई दिल्ली: 1983 में भारत को विश्व चैंपियन बनाने वाली टीम के सदस्य रहे रोजर बिन्नी के पुत्र स्टुअर्ट बिन्नी ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 37 वर्षीय बिन्नी ने साल 2014 से 2016 तक टीम इंडिया की जर्सी में नजर आए और 2015 में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड की मेजबानी में खेले गए आईसीसी वर्ल्डकप में टीम इंडिया के सदस्य रहे।
ऐसे में संन्यास का ऐलान करते हुए बिन्नी ने बीसीसीआई को एक पत्र लिखा और कहा कि क्रिकेट मेरे खून में है और मैंने जो कुछ इससे हासिल किया है मैं उसे वो लौटाने की कोशिश करुंगा। बिन्नी ने अपने करियर में सहयोग देने वाले बीसीसीआई और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन सहित सभी कोच, कप्तान और साथी खिलाड़ियों का शुक्रिया अदा किया। हिंदी में पढ़िये बिन्नी का संन्यास के ऐलान वाला लेटर...
स्टुअर्ट बिन्नी ने बीसीसीआई अपने संन्यास के बारे में सूचित करते हुए कहा,
डियर, सर/मैडम
मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मैंने प्रथम श्रेणी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करने मुझे बेहद गर्व और हर्ष हुआ।
मैं अपनी क्रिकेट यात्रा में अहम भूमिका निभाने के लिए बीसीसीआई का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने मुझपर सालों विश्वास जताना सराहनीय रहा। मेरा क्रिकेट करियर क्रिकेट कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के सहयोग के बगैर शुरू नहीं हो सकता था। अपने राज्य की टीम की कप्तानी करते हुए और ट्रॉफी जीतना सम्मान की बात रही।
मैं उन सभी आईपीएल टीमों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मेरे क्रिकेट को समृद्ध बनाने में सहयोग किया। मुंबई इंडियन्स राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के साथ एक दशक का साथ खुशनुमा रहा। इसके साथ ही मैं मीडिया के उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मेरे करियर की शुरुआत और उपलब्धियों को कवर किया।
मैं उन सभी कोचों का आभारी हूं जिन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया, उन चयनकर्ताओं का आभारी हूं जिन्होंने मुझपर विश्वास जताया। उन दोस्तों और साथी खिलाड़ियों का आभार जिन्होंने क्रिकेट करियर की यात्रा के दौरान साथ दिया और मैदान पर टीम के लिए बेहतरीन प्रदर्शन में मेरा सहयोग किया। उन कप्तानों का शुक्रिया जिन्होंने मुझे देश के लिए खेलने का मौका दिया। उनके बगैर ये सबकुछ संभव नहीं था। मैदान से वापस लौटते वक्त हर दिन मैं उन सबके बारे में सोचता था।
क्रिकेट मेरे खून में दौड़ता है और मैं हमेशा कोशिश करूंगा कि जिस खेल ने मुझे सबकुछ दिया है उसका कर्ज लौटा सकूं। करियर का नई पारी की में भी मुझे आपसे सहयोग की अपेक्षा रहेगी।
आपका
स्टुअर्ट टेरेंस बिन्नी