- भारत बनाम इंग्लैंड चौथा टेस्ट
- यह मैच केनिंग्टन ओवल में खेला जाएगा
- भारत-इंग्लैंड सीरीज में बराबरी पर हैं
लंदन: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जा रही है। ट्रेंट ब्रिज में खेला गया मैच टेस्ट ड्रॉ हो गया जबकि लॉर्ड्स टेस्ट में भारत ने 151 रन से जीत हासिल की। वहीं, इंग्लैंड ने हेडिंग्ले में तीसरा मुकाबला एक पारी और 76 रन से जीतकर सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली। अब दोनों टीमें चौथे टेस्टे में 2 सितंबर से लंदन के केनिंग्टन ओवल पर भिड़ेंगी। भारत और इंग्लैंड के लिए यह मैच बेहद अहम होगा। हालांकि, भारत का रिकॉर्ड इस मैदान पर कुछ खास नहीं रहा है। भारत ने यहां टेस्ट में पांच दशक पहले जीत अपने नाम की थी।
साल 1936 में खेला पहला टेस्ट
टीम इंडिया ने केनिंग्टन ओवल मैदान पर पहली बार साल 1936 में टेस्ट मैच खेला था। भारत को मुकाबले में 9 विकेट से शिकस्त का सामना करना पड़ा था। मेजबान टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया और पहली पारी में 471 रन बनाए थे। जवाब में भारत की पहली पारी 222 रन पर ढेर हो गई थी। इसके बाद भारत ने फॉलोऑन खेलते हुए दूसरी पारी में 312 रन जुटाए। मेहमान टीम ने 64 रन का लक्ष्य दिया था, जिसे इंग्लैंड ने 1 विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। भारत के लिए विजय मर्चेंट, मुश्ताक अली और दिलावर हुसैन ने अर्धशतक जमाए थे। दूसरी ओर, इंग्लैंड की तरफ से स्टेन वर्थिंगटन ने शतक जड़ा था।
50 साल से जीत को तरसा भारत
भारत को ओवल में पहली टेस्ट जीत के लिए कई वर्षों तक इंतजार करना पड़ा। भारत के पहला मैच गंवाने के बाद 1946 और 1952 में हुए टेस्ट्र ड्रॉ पर छूटे। इंग्लैंड ने 1959 में भारत को एक पारी और 27 रन से शिकस्त दी। इसके बाद जब टीम इंडिया 1971 में अजीत वाडेकर की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर गई तो उसने ओवल में जीत की पताका फहराई। भारत ने इंग्लैंड को 4 विकेट से धूल चटाई। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहली पारी में 355 रन बनाए। जवाब में भारत ने 284 रन बना डाले। इंग्लैंड दूसरी पारी में सिर्फ 101 रन बना पाया और भारत ने 173 के टारगेट को 6 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। भारत की ओवल में यह आखिरी टेस्ट जीत है। टीम इंडिया पिछले 50 साल से यहां जीत को तरस रही है।
पिछले तीन टेस्ट में बेहद बुरा हाल
केनिंग्टन ओवल में भारत के पिछले तीन टेस्टकी बात करें तो टीम को बेहद बुरा हाल है। टीम इंडिया को 2011 में पारी और 8 रन से हार मिली थी। उसके बाद 2014 में भारत ने पारी और 244 रन से मुकाबला गंवाया। यह दोनों मैचों भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में खेले गए थे। भारत को 2018 में विराट कोहली के नेतृत्व में 118 रन से करारी शिकस्त का मुंह देखना पड़ा था। कोहली की कप्तानी में भारत अब एक फिर इस मैदान पर खेलने जा रहा है। ऐसे में भारतीय फैंस को उम्मीद होगी कि भारतीय टीम अपने लंब जीत के सूखे को खत्म करे।