- वो हार जिसकी टीस आज भी भारतीय फैंस के दिल में है
- 2003 क्रिकेट विश्व कप का ऐतिहासिक फाइनल
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था सबसे धमाकेदार खिताबी मुकाबला
नई दिल्लीः आज ही का वो दिन (23 मार्च) है जब 18 साल पहले एक ऐसा मैच खेला गया था जिसने भारतीय फैंस को हिलाकर रख दिया था। यूं तो हर बार सचिन तेंदुलकर के आउट होने के बाद करोड़ों क्रिकेट फैंस उदास हो जाया करते थे, लेकिन उस दिन उनके आउट होने पर जितनी निराशा हुई, उतनी कभी नहीं हुई थी। वो मुकाबला था भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया 2003 का धमाकेदार आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल।
दक्षिण अफ्रीका की जमीन पर खेला गया वो क्रिकेट विश्व कप फाइनल मैच जोहानिसबर्ग के खचाखच भरे स्टेडियम में खेला गया था। उस मैच में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया लेकिन उसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम ने जैसी बल्लेबाजी की, खासतौर पर कप्तान रिकी पोंटिंग ने, उसने सबको दंग कर दिया।
रिकी पोंटिंग की धुआंधार पारी
ऑस्ट्रेलिया की तरफ से ओपनर्स एडम गिलक्रिस्ट ने 57 रन और मैथ्यू हेडन ने 37 रनों की पारी खेली। दोनों ओपनर्स को हरभजन सिंह ने पवेलियन का रास्ता दिखाया। लेकिन इसके बाद शुरू हो गया कप्तान रिकी पोंटिंग और डेमियन मार्टिन का धमाल। पोंटिंग ने 121 गेंदों पर नाबाद 140 रनों की धमाकेदार पारी खेली जिसमें 4 चौके और 8 छक्के शामिल थे। जबकि मार्टिन ने 84 गेंदों में 88 रनों की पारी खेली। दोनों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया को 50 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 359 रन तक पहुंचा दिया।
सचिन का आउट होना और फिर..
उस टूर्नामेंट में एक खिलाड़ी जिसने दुनिया के सभी गेंदबाजों को बुरी तरह धुना था, वो थे सचिन तेंदुलकर। वो व्यक्तिगत रूप से मास्टर ब्लास्टर के करियर का सबसे खास विश्व कप साबित हुआ था। ऐसे में फाइनल मैच में उनका बल्ला चलने की उम्मीद करोड़ों फैंस लगाए हुए थे।
सचिन-सहवाग ओपनिंग करने उतरे और ग्लेन मैकग्रा ने सचिन तेंदुलकर को पहले ओवर की पांचवीं गेंद पर ही पवेलियन का रास्ता दिखा दिया। सचिन 4 रन बनाकर खेल रहे थे और शानदार गेंद पर गेंदबाज मैकग्रा के हाथों में ही कैच थमा दिया।
वीरू शतक के करीब आकर चूके, टीम इंडिया लड़खड़ाती चली गई
सचिन के आउट होने के बाद सहवाग ने मोर्चा संभाला। वो तेजी से अर्धशतक के बाद अपने शतक की ओर बढ़ रहे थे लेकिन 24वें ओवर में वीरू रन आउट हो गए। वीरू ने 81 गेंदों पर 82 रनों की पारी खेली जिसमें 3 छक्के और 10 चौके शामिल थे।
वीरू के आउट होते ही मैच ऑस्ट्रेलिया की मुट्ठी में जाता दिखने लगा था। कप्तान गांगुली ने 24, कैफ 0 रन, द्रविड़ ने 47 रन, युवराज ने 24 रन, दिनेश मोंगिया ने 12 रन, हरभजन सिंह ने 7 रन, जहीर खान ने 4 रन, जवागल श्रीनाथ ने 1 रन और आशीष नेहरा ने नाबाद 8 रनों की पारियां खेलीं और टीम इंडिया 39.2 ओवर में 234 रन पर सिमट गई। सचिन तेंदुलकर को 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' चुना गया और गोल्डन बैट से नवाजा गया, सचिन ने टूर्नामेंट में रिकॉर्ड 673 रन बनाए थे, लेकिन हार की वजह से पुरस्कार लेते समय भी उनका चेहरा उतरा हुआ था।