- वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ ने पाकिस्तान के खिलाफ साझेदारी की थी
- वीरू-द्रविड़ सबसे बड़ी ओपंनिग साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने से 3 रन से चूके थे
- लाहौर के दर्शकों ने खड़े होकर इस जोड़ी के लिए तालियां बजाई थीं
नई दिल्ली: वीरेंद्र सहवाग और राहुल द्रविड़ ने पाकिस्तान के खिलाफ आज के दिन 15 साल पहले रिकॉर्ड तोड़ ओपनिंग साझेदारी की थी। लाहौर के दर्शकों ने खड़े होकर इस जोड़ी के लिए तालियां बजाई थीं। हालांकि, सहवाग के आउट होने के कारण यह जोड़ी टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग के लिए सबसे बड़ी साझेदारी का वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने से केवल 3 रन से चूक गई थी। द्रविड़ ने सीरीज के पहले टेस्ट में ओपनिंग करने का फैसला किया था। यह फैसला भी उन्होंने मैच की एक रात पहले ही लिया था।
राहुल द्रविड़ ने 233 गेंदों में 128 रन बनाए जबकि विस्फोटक वीरू ने 247 गेंदों में 254 रन बनाए। दोनों ने मिलकर पहली पारी में पहले विकेट के लिए 410 रन की साझेदारी की। यह टेस्ट खराब लाइट, मौसम की मार और कई तकलीफों से जूझा, लेकिन इसी दौरान टेस्ट क्रिकेट के कुछ सबसे आकर्षक शॉट्स भी देखने को मिले। मैच ड्रॉ की तरफ बढ़ रहा था। मगर निशाने पर सहवाग के 250 रन और तत्कालीन वर्ल्ड रिकॉर्ड 413 रन की ओपनिंग साझेदारी थी। बता दें कि 1956 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वीनू मांकड और पंकज रॉय ने 413 रन की रिकॉर्ड ओपनिंग साझेदारी की थी।
सहवाग ने 250 रन का आंकड़ा पार कर लिया और फिर विकेटकीपर को कैच थमाकर पवेलियन लौट गए। द्रविड़ नाबाद रहे। वीवीएस लक्ष्मण एक गेंद खेलने आए और फिर मैच मुकाबला ड्रॉ घोषित कर दिया गया।
ड्रेसिंग रूम में आकर पता चला: वीरेंद्र सहवाग
सहवाग ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि वर्ल्ड रिकॉर्ड निशाने पर है। सहवाग ने बाद में कहा था, 'वर्ल्ड रिकॉर्ड असल में मायने नहीं रखता। मैं जब तक ड्रेसिंग रूम नहीं पहुंचा तब तक मुझे नहीं पता था कि रिकॉर्ड के करीब हैं।' द्रविड़ की नजर में उन्होंने बेस्ट सीट से सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी देखी। द्रविड़ ने कहा था, 'मैंने साझेदारी का आनंद उठाया, लेकिन हमें देखना था कि अगले तीन-चार दिन में क्या होना है और कौन ओपनिंग करेगा। मुझे नहीं लगता कि मेरा ओपनिंग पर आना लंबे कार्यकाल का सुझाव है। हमें देखना होगा और ऐसी टीम बनानी होगी जो मैच जीत सके।'
50 साल का रिकॉर्ड तोड़ने से 3 रन पहले आउट होने के बारे में बात करते हुए द्रविड़ ने कहा- 'वीरू उसी तरह खेलता है। वो आक्रामक है और सकारात्मक भी। वो अगर 199 या 200 पर होता तो भी उसी तरह का शॉट खेलता। कई बार जब लोग आउट होते हैं, ऐसा लगता है कि उसने ऐसा शॉट क्यों खेला। मगर जब वो लय में होता है तो बल्लेबाजी देखने में मजा आता है।' सहवाग की पारी के दौरान कई रिकॉर्ड्स टूटे। रन प्रति गेंद के हिसाब से यह सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर था। नाथन एस्टल के बाद सबसे तेज दोहरा शतक जमाने का रिकॉर्ड सहवाग के नाम ही दर्ज हुआ था। एस्टल ने 153 जबकि सहवाग ने 182 गेंदों में दोहरा शतक पूरा किया।
370 रन के स्कोर पर पहुंचकर वीरू-द्रविड़ ने ग्रीम स्मिथ-हर्शेल गिब्स के 368 रन की साझेदारी का रिकॉर्ड तोड़ा, जो पाकिस्तान के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग साझेदारी थी। भारत का पहला विकेट 410 रन के स्कोर पर गिरा, जो टेस्ट क्रिकेट में किसी भी विकेट के लिए 10वीं सर्वश्रेष्ठ साझेदारी थी।