- टी-20 इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के लिए शतक लगाने वाले चौथे बल्लेबाज हैं हुड्डा
- टी-20 विश्व कप में टीम इंडिया के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं
- तूफानी पारी खेलने के साथ गेंदबाज़ी करने में भी सक्षम
नई दिल्ली: टी20 विश्व कप 2022 के लिए उलटी गिनती शुरु हो चुकी है। 16 अक्टूबर से शुरु हो रहे क्रिकेट के इस महाकुंभ पर दुनिया भर के फैंस की नज़रें टिकी होंगी। पिछले साल टी-20 विश्व कप में ग्रुप स्टेज से ही बाहर होने वाली टीम इंडिया इस साल खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही है।
टी-20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया का ऐलान होना अभी बाकी है लेकिन एक नाम जो सबसे ज़्यादा चर्चा में है वह है दीपक हुड्डा। दीपक हुड्डा पिछले कुछ समय से टीम इंडिया का हिस्सा तो हैं लेकिन प्लेइंग इलेवन में कई बार उन्हें मौका नहीं मिल पाता है।
आज हम ऐसे 3 कारणों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो यह बताते हैं कि दीपक हुड्डा को टीम इंडिया की विश्व कप टीम में जगह तो मिलनी ही चाहिए बल्कि प्लेइंग XI का भी हिस्सा बनना चाहिए।
हालिया फॉर्म काफी शानदार
आयरलैंड दौरे पर दीपक हुड्डा ने 2 मैचों में 151 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने एक तूफानी शतक भी जड़ा था। हालांकि उसके बाद उन्हें लगातार मौके नहीं मिले। वेस्टइंडीज दौरे पर भी हुड्डा को पहले दो टी-20 मैचों में प्लेइंग 11 में मौका नहीं मिला। टी-20 में शतक लगाना किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़ी बात होती है ऐसे में हुड्ड का प्लेइंग XI में बाहर रखना समझदारी वाली बात नहीं होगी।
मिडिल ऑर्डर में तेज़ी से रन बनाने की क्षमता
दीपक हुड्डा की बल्लेबाज़ी की शैली काफी आक्रमक है। वह किसी भी क्रम पर आकर तेज़ी से रन बना सकते हैं। टीम इंडिया के पास टी-20 मध्यक्रम के लिए उनसे बेहतर विकल्प नहीं हो सकता है। हुड्डा ने अपने करियर में अभी तक 6 टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 172.27 का रहा है।
बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी भी कर सकते है
दीपक हुड्डा बल्लेबाजी के साथ गेंदबाजी भी करते हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे में उनकी गेंदबाजी ने सभी को प्रभावित किया है। ऐसे में टी-20 विश्व कप में टीम इंडिया को काफी फायदा हो सकता है। वैसे भी टी-20 मुकाबलों में एक ओवर पूरा मैच पलट सकता है।