- 2007 वर्ल्ड टी20 के दौरान युवराज सिंह और एंड्रयू फ्लिंटॉफ के बीच विवाद हुआ था
- युवराज ने अब खुलासा किया कि उस दिन इंग्लिश ऑलराउंडर ने गला काटने की धमकी दी थी
- युवराज ने स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में लगातार 6 छक्के जमाए थे
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की महामारी के कारण इस समय दुनिया रूकी हुई सी है। भारत में 3 मई तक लॉकडाउन है। कोरोना वायरस के कारण खेल गतिविधियां या तो रद्द या फिर स्थगित कर दी गई हैं। कोरोना वायरस जानलेवा है और इससे बचने के लिए लोगों को घर में रहने की अपील की जा रही है। ऐसे में खिलाड़ी सोशल मीडिया के जरिये अपने फैंस को बांधे हुए हैं। टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने 2007 वर्ल्ड टी20 में लगातार 6 छक्के लगाने का एक रोचक किस्सा बताया है। युवराज ने एक यू-ट्यूब चैनल से बातचीत के दौरान इन 6 छक्कों से जुड़ी रोचक कहानी का खुलासा किया।
युवराज सिंह की उस मैच में इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ से तीखी बहस हुई थी। अब युवराज ने खुलासा किया कि इंग्लिश ऑलराउंडर ने उन्हें ओवर के बीच में गला काटने की धमकी दी थी, जिस पर भारतीय बल्लेबाज ने भी गर्मजोशी से जवाब दिया था। फिर अंपायरों ने बीच-बचाव करके इस मामले को सुलझाया।
फ्लिंटॉफ ने की शुरुआत
युवराज ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मेरे दिमाग में कभी 6 छक्के लगाने का ध्यान आया ही नहीं था। एंड्रयू फ्लिंटॉफ से जो मेरी बहस हुई, उससे बहुत गुस्सा आया। मैंने फ्लिंटॉफ के ओवर में लगातार दो चौके जमाए थे। उसको वह सहन नहीं हुआ। ओवर खत्म होने के बाद मैं धोनी से बात करने जा रहा था। तब उसने मुझे कहा कि ये बेकार शॉट था। हम दोनों के बीच फिर बहस शुरू हो गई। हमने एक-दूसरे को उलटा-सीधा कहा। फिर फ्लिंटॉफ ने मुझसे कहा कि बाहर आ तेरा गला काट दूंगा। मैंने भी गर्मजोशी से जवाब दिया कि ये बल्ला देख रहा है। बाहर की बात तो बाद में, पता है न कि बल्ला कहां जाएगा। फिर अंपायरों ने आकर बीच-बचाव किया। मैंने उन्हें बताया कि विवाद की शुरुआत फ्लिंटॉफ ने की।'
वो मेरा दिन था: युवराज
युवराज ने आगे कहा, 'इसके बाद मैं काफी उत्तेजित हो गया था। मेरे दिमाग में तब गेंद को मैदान से बाहर मारने का विचार आने लगा। लकी रहा कि ब्रॉड की पहली ही गेंद पर छक्का जमाने में कामयाब हुआ। आज भी जब पहली गेंद पर जमाया छक्का देखता हूं तो विश्वास नहीं होता कि इतना लंबा छक्का कैसे चला गया। मुझे लगता है कभी-कभी कि कैसे ये मार दिया। फिर दो छक्के और लगे। चौथा छक्का प्वाइंट पर गया। मैंने प्वाइंट पर चौका नहीं जमाया था, वो छक्का चला गया। मुझे लगा कि मेरा दिन है।'
38 साल के युवराज ने कहा, 'पॉल कॉलिंगवुड तब इंग्लैंड के कप्तान थे। उन्होंने ब्रॉड से कहा कि ऑफ स्टंप के बाहर गेंद डाल। ब्रॉड मुझे पांचवीं गेंद राउंड द विकेट से डालने आ रहा था, लेकिन आखिरी समय में उसने मन बदला और ओवर द स्टंस से गेंद डालने आ गया। जब उसने ये किया, तो मुझे लगा कि वो गलती कर रहा है क्योंकि लेग साइड की बाउंड्री छोटी है। गेंद मेरे बल्ले के निचले हिस्से पर लगी और बाउंड्री पार चली गई। छठी गेंद पर मेरा ध्यान ऐसा था कि मौके को गंवाना नहीं है। फिर मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मैंने 6 छक्के लगाए।'