माउंट मोनगानुई: भारतीय क्रिकेट टीम ने मंगलवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा वनडे मैच भी गंवा दिया। इसके साथ ही टीम इंडिया को पहली बार तीन वनडे मैचों की सीरीज में क्लीनस्वीप (0-3) का सामना करना पड़ा। वनडे सीरीज में टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारतीय खिलाड़ी अजीबोगरीब बयान देने में जुट गए हैं। दूसरे वनडे में हार के बाद जहां भारतीय कप्तान विराट कोहली ने ये कहा कि इस साल वनडे क्रिकेट में हार उनके लिए कोई माएने नहीं रखती, वहीं दूसरी तरफ तीसरे वनडे में हार के बाद टीम के स्पिनर युजवेंद्र चहल ने भी ऐसा ही अजीबोगरीब बयान दे डाला।
लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने मंगलवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ क्लीनस्वीप को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि पिछले पांच साल में भारत के प्रदर्शन में इतनी अधिक निरंतरता है कि वनडे सीरीज में हार चिंताजनक नहीं है। चहल ने मैच के बाद कहा, ‘कुल मिलाकर अगर आप देखो तो पिछले चार-पांच साल में हमने सिर्फ चौथी या पांचवीं सीरीज गंवाई है। दूसरी टीम भी खेलती है। आप प्रत्येक मैच नहीं जीत सकते। हमने एक सीरीज जीती, दूसरी हार गए, इसलिए यह इतना गंभीर नहीं है कि इस पर सोच-विचार किया जाए।’
युवा खिलाड़ी सीखेंगे
युजवेंद्र चहल ने कहा कि युवा खिलाड़ी न्यूजीलैंड में खेलने के अनुभव से काफी कुछ सीखेंगे। इस लेग स्पिनर ने कहा, ‘पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल टीम में आए, इसलिए युवाओं को भारत के बाहर खेलने का मौका मिला। न्यूजीलैंड में खेलना आसान नहीं होता। लेकिन कुल मिलाकर देखें तो ये सिर्फ एक वनडे सीरीज थी। हमने टी20 सीरीज 5-0 से जीती थी, पहली बार, यह हमारे लिए भी सकारात्मक पक्ष है।’
खराब फील्डिंगः 10 में से एक सीरीज में हो जाता है
चहल ने मेजबान टीम की तारीफ की और भारतीय टीम की फील्डिंग पर बात करते हुए कहा, ‘उन्होंने (न्यूजीलैंड) इस सीरीज में असाधारण प्रदर्शन किया। इसलिए हमें इसकी सराहना करनी होगी। कई बार खराब फील्डिंग भी हुई। 10 में से एक सीरीज में ऐसा होता है, हमारे पास अगली वनडे सीरीज तक का समय है।’ चहल ने हालांकि कहा कि व्यस्त घरेलू सत्र के बाद 22 दिन में आठ सीमित ओवरों के मैच खेलने का उनकी हार से कोई लेना देना नहीं है।
विराट ने दिया था ये बयान
इससे पहले ऑकलैंड में खेले गए दूसरे वनडे मैच में जब टीम इंडिया को हार मिली तो उस मैच के बाद कप्तान विराट कोहली ने भी अजीबोगरीब बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि, 'मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस कैलेंडर ईयर में वनडे क्रिकेट का टी20 और टेस्ट की तुलना में ज्यादा महत्व नहीं है।'
विराट ने इस बयान को बेहद आराम से कह दिया लेकिन अगर इस साल टी20 विश्व कप होना है तो क्या किसी अन्य प्रारूप में हार कोई माएने नहीं रखती? अगर ऐसा है तो फिर बीसीसीआई वनडे सीरीज के आयोजन में क्यों इतना पैसा बर्बाद कर रही है।