- मजदूर अपने घर जाना चाहते हैं क्योंकि वह अपने लोगों के साथ रहना चाहते हैं
- भज्जी ने कहा कि चीजें इतनी तेजी से बदली कि सरकार के पास इनके बारे में सोचने का समय ही नहीं
- हरभजन ने कहा कि यह समय है एकजुट रहने और छोटी चीजें करने का, जो हम कर सकते हैं
नई दिल्ली: कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए पूरा देश लॉकडाउन में है। भारतीय टीम के अनुभवी ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने शनिवार को कहा कि वह इस समय क्रिकेट के बारे में बिलकुल भी नहीं सोच रहे हैं। भज्जी ने कहा कि देश में लोग जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं, उसकी तुलना में क्रिकेट बहुत छोटी बात है।
अनुभवी ऑफ स्पिनर ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो पिछले 15 दिनों से मेरे दिमाग में क्रिकेट से संबंधित कोई बात नहीं आ रही है। देश के सामने क्रिकेट बहुत छोटी चीज है। अगर इस समय क्रिकेट और आईपीएल के बारे में सोचा तो मैं स्वार्थी कहलाउंगा। हमारी प्राथमिकता स्वस्थ और फिट इंडिया होना चाहिए। खेल भी तभी होगा जब हम सुरक्षित और स्वस्थ रहेंगे। क्रिकेट अभी मेरे विचारों में आ ही नहीं रहा।'
एकजुट होने का समय
हरभजन सिंह ने आगे कहा, 'यह समय है एकजुट रहने का। यह समय है कि जो भी छोटा-मोटा कुछ करने को मिले, वह करें और देश को दोबारा उसके पैरों पर ले आएं।' कोरोनावायरस की महामारी के कारण सभी क्रिकेट टूर्नामेंट या तो रद्द या फिर स्थगित कर दिए गए हैं। दुनिया की सबसे चर्चित टी20 लीग आईपीएल भी फिलहाल 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित है।
प्रवासी मजदूरों का ख्याल
39 साल के हरभजन ने प्रवासी मजदूरों के प्रति चिंता जताई, जो बड़े शहरों से अपने घर लौट रहे हैं। हरभजन के मुताबिक सरकार को लॉकडाउन की घोषणा से पहले इन लोगों के लिए कुछ करना चाहिए था। हरभजन सिंह ने कहा, 'मेरे ख्याल से लॉकडाउन जैसी बड़ी घोषणा से पहले प्रवासी मजदूरों के बारे में सोच लेना चाहिए था। उनके पास रूकने को घर और खाने को भोजन नहीं। सरकार को इसका ख्याल रखना चाहिए था और उन्हें भरोसा दिलाना चाहिए था कि उन्हें भोजन और पैसा मिलेगा। मगर वह सब अब अपने घर लौट रहे हैं। जिस तरह चीजें संभाली जा रही हैं, वह देखना काफी दिक्कतभरा है।'
हरभजन ने आगे कहा, 'किसी ने नहीं सोचा था कि स्थिति इस तरह गंभीर हो जाएगी और शहरों में लॉकडाउन होगा। चीजें इतनी तेजी से बदली कि सरकार को इनके बारे में सोचने का समय नहीं मिला। मुझे उम्मीद है कि हमारे पास सही फैसले लेने का समय है, जो नागरिकों की सुरक्षा के हित में हो। मैं समझता हूं कि लोग घर क्यों जाना चाहते हैं क्योंकि वह अपने लोगों के साथ रहना चाहते हैं।