- कुलदीप यादव ने दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते हुए झटके 18 रन देकर 3 विकेट
- मुंबई इंडियन्स के खिलाफ दिल्ली कैपिटल्स की जीत के बाद चुने गए मैन ऑफ द मैच
- गेंदबाजी की लेंथ पर लंबे समय से कर रहे थे काम, काम आई पॉन्टिंग और रोहित शर्मा की सलाह
मुंबई: लंबे समय से फॉर्म से जूझ रहे टीम इंडिया के चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव ने आईपीएल के नए सीजन की धमाकेदार शुरुआत की है। कुलदीप ने रविवार को दिल्ली कैपिटल्स की ओर से पहली बार खेलते हुए मुंबई इंडियन्स के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की। कुलदीप की टीम और जर्सी तो बदली लेकिन उनकी गेंदबाजी का अंदाज नहीं बदला। उन्होंने 4 ओवर में 18 रन देकर 3 विकेट झटके। वो दिल्ली के सबसे सफल गेंदबाज रहे। टीम की 4 विकेट से धमाकेदार जीत के बाद कुलदीप को मैन ऑफ द मैच चुना गया।
रोहित और पोलार्ड जैसे दिग्गजों का किया शिकार
कुलदीप ने शानदार गेंदबाजी करते हुए कप्तान रोहित शर्मा, अनमोलप्रीत सिंह और कीरोन पोलार्ड को अपनी फिरकी के जाल में फांसकर चलता कर दिया। उनकी शानदार गेंदबाजी की बदौलत 15.5 ओवर में मुंबई की टीम 4 विकेट खोकर केवल 122 रन बना सकी थी। इन चार में से तीन विकेट कुलदीप के खाते में गए थे। 16 ओवर के बाद ईशान किशन ने एक छोर संभालते हुए टीम को 20 ओवर में 5 विकेट पर 177 रन के स्कोर तक पहुंचाया।
लंबे समय से कर रहा था लेंथ पर काम
मुंबई की पारी की समाप्ति के बाद कुलदीप ने अपने शानदार प्रदर्शन पर खुशी जताते हुए कहा, मुझे ऐसा प्रदर्शन करके खुशी हो रही है। मेरी गेंदें अच्छी लेंथ पर गिर रही थीं। मैं जब से दिल्ली कैपिटल्स की टीम से जुड़ा था तब से गेंद की लेंथ पर काम कर रहा था। मैंने रिकी पॉन्टिंग से भी चर्चा की थी कि मेरी गेंदों की लेंथ क्या होनी चाहिए। उसपर मैनें काफी काम किया।
पॉन्टिंग और रोहित शर्मा के साथ हुई टी20 में गेंदबाजी पर चर्चा
कुलदीप ने आगे कहा, इससे पहले भी मैं टीम इंडिया के साथ था तब रोहित भाई के साथ भी इस बारे में मेरी चर्चा हुई थी कि टी20 फॉर्मेट में क्या लेंथ होनी चाहिए और कैसे बदलाव करना चाहिए। उसपर पिछले 2 महीने में बहुत काम किया, उस मेहनत का परिणाम आज मिला है।
नहीं किया है गेंदबाजी में कोई बदलाव
तेज रफ्तार से गेंद डालने के बारे में कुलदीप ने कहा, लय के साथ गेंदबाजी करने से गेंद में गति आती है। अपनी गेंदबाजी में मैंने कोई बदलाव नहीं किया है, मैं आज जब भी गेंद तेज गति से डालना चाह रहा था तब ऐसा कर पा रहा था और जब गेंद की गति कम करना चाह रह था तब कम हो रही थी। मैंने पिछले कुछ महीने में इस पहलू में सुधार किया है। इस वजह से बल्लेबाजों को ज्यादा वक्त नहीं मिल पा रहा था।
रोहित और पोलार्ड का विकेट रहा पसंदीदा
तीन विकेटों में सबसे पसंदीदा कौन सी थी, तीनों विकेट की अच्छी थे, रोहित भाई का विकेट अहम था क्योंकि जिस तरह से मुंबई खेल रही थी उस वक्त लग रहा था कि उनका विकेट लेना जरूरी है । वहीं पोलार्ड का विकेट भी बड़ा था क्योंकि चार ओवर बचे थे। अगर वो टिके रहते तो और ज्यादा रन बन सकते थे।