- राजस्थान रॉयल्स ने चेन्नई सुपर किंग्स को 7 विकेट से हराया
- आईपीएल 2020 में चेन्नई सुपर किंग्स की उम्मीदें और धुंधली हुईं
- मैच के बाद कप्तान धोनी ने दो अजीब बातें कहीं, जो पहले उनके मुंह से नहीं सुना
चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान व टीम इंडिया के पूर्व विश्व विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इस समय ना बल्ले से लय में हैं, ना उनकी कप्तानी काम आ रही है। चेन्नई की टीम को सोमवार रात आईपीएल 2020 में सातवीं हार झेलनी पड़ी है जिसके बाद उनकी टीम अब प्लेऑफ की दौड़ से तकरीबन बाहर होती नजर आ रही है। हालांकि अब भी कुछ आंकड़ों के 'करिश्माई' समीकरण उनको टूर्नामेंट में आगे बढ़ा सकते हैं लेकिन ये बेहद पेचीदा और नामुमकिन सी दिखने वाली गणित है। राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मिली हार के बाद धोनी ने दो ऐसी बातें कह दीं जिसकी उनसे कभी उम्मीद नहीं की जाती है।
वो चौंकाने वाला बयान, हार मान चुके हैं धोनी?
जैसा कि आपको बताया कि अब कुछ करिश्माई समीकरण ऐसे हैं जो कि चेन्नई सुपर किंग्स को प्लेऑफ तक ले जा सकते हैं। ये मुश्किल है लेकिन क्रिकेट में कुछ भी मुमकिन है, पर धोनी शायद अब हार मान चुके हैं। मैच के बाद धोनी ने खुद कहा कि 'इस सीजन हम अपनी तरह से नहीं खेले'। उनके इस बयान से ये साफ हो जाता है कि चेन्नई सुपर किंग्स अब सिर्फ सांत्वना जीत के लिए खेलेगी।
युवाओं के बारे में ये क्या कह दिया !
धोनी ने लगातार हार के बावजूद टीम में बहुत अधिक बदलाव नहीं करने के बारे में कहा, ‘आप बहुत अधिक बदलाव नहीं चाहते क्योंकि तीन-चार-पांच मैचों में आप किसी चीज को लेकर सुनिश्चित नहीं होते है। मैं टीम में असुरक्षा का भाव नहीं चाहता हूं।' उनकी ये बात सटीक थी और चेन्नई के कई खिलाड़ी इस परंपरा का जिक्र कर चुके हैं। लेकिन इसके बाद युवाओं के बारे में बात करते हुए धोनी ने कुछ ऐसा कह दिया जो उन्होंने शायद ही पहले किसी खिलाड़ी के लिए कहा। उनके मुताबिक शायद वो और टीम मैनेजमेंट अपने युवाओं में वो बात नहीं देख पाए जिसकी दराकर थी।
युवाओं को कम मौके देने के बारे में उन्होंने कहा, ‘ये सही है कि हमने इस बार (युवाओं को) उतने मौके नहीं दिये। ऐसा भी हो सकता है कि हमें अपने युवाओं में जुनून न दिखायी दिया हो। हम आगे उन्हें मौका दे सकते हैं और वे बिना किसी दबाव के खेल सकते हैं।’ जाहिर तौर पर युवा जब भी खेलेंगे अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करेंगे लेकिन ये जानते हुए कि टी20 फॉर्मेट में जब आप पहले से सुरेश रैना और हरभजन जैसे दिग्गजों के बिना उतरे हैं तो सिर्फ अनुभवी खिलाड़ियों को खिलाना और युवाओं का प्रयोग ना करना कहां तक सही था, ये चर्चा का विषय रहेगा।