- एमएस धोनी ने 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया
- धोनी के दोस्त आरपी सिंह ने बताया कि आखिर क्यों माही ने संन्यास लिया
- एमएस धोनी ने सर्वकालिक महान भारतीय क्रिकेटरों में से एक बनकर विदाई ली है
नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी ने 15 अगस्त को अपने स्वर्णिम करियर पर विराम लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। एमएस धोनी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करके संन्यास की घोषणा की थी, जिसके बाद दुनियाभर से बधाईयों का तांता लग गया। एमएस धोनी ने एक साल से ज्यादा समय से कोई प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेला था। उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला न्यूजीलैंड के खिलाफ 2019 विश्व कप में खेला था।
एमएस धोनी के पूर्व टीम साथी और करीबी दोस्त आरपी सिंह का मानना है कि अगर कोरोना वायरस महामारी के कारण ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में टी20 विश्व कप स्थगित नहीं होता तो एमएस धोनी इसमें जरूर खेलते। हालांकि, कोरोना वायरस के कारण टी20 विश्व कप स्थगित हो गया, जिससे एमएस धोनी के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने टीम इंडिया से अलग होने का मन बना लिया।
आरपी सिंह ने कहा, 'निश्चित ही एमएस धोनी टी20 विश्व कप खेलते। वह टी20 के बड़े खिलाड़ी हैं, तो बड़े इवेंट तक इंतजार कर रहे थे। इसके अलावा उम्र और फिटनेस का भी उनके फैसले में योगदान है। अगर आप आईपीएल को छोड़ दें तो उन्हें पिछले 12-15 महीने में भारत के लिए किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला।'
सिंह ने आगे कहा कि धोनी को पता था कि उनमें अब पहले जैसे मैच फिनिश करने की क्षमता नहीं रही है। विश्व के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशर के रूप में पहचाने जाने वाले धोनी 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में टीम इंडिया को न्यूजीलैंड के खिलाफ जीत दिलाने में नाकाम रहे थे। भारतीय टीम 18 रन से मैच गंवाकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं। सिंह ने कहा कि धोनी को पता था कि वह पहले के जैसे मैच फिनिश नहीं कर पा रहे हैं, जिसने उन्हें संन्यास लेने में राजी किया।
एमएस धोनी में मैच फिनिश करने की क्षमता नहीं बची
पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, '2019 विश्व कप में धोनी नंबर-4 पर बल्लेबाजी करना चाहते थे, लेकिन टीम प्रबंधन और निचले क्रम के कारण उन्हें मौका नहीं मिला। इसके अलावा वह पहले की तरह मैच समाप्त करने में सक्षम नहीं हो पा रहे थे। शायद इससे भी उन्हें संकेत मिला कि वह अपने अंत के करीब पहुंच गए हैं और भविष्य पर फैसला लेने की जरूरत है।'
एमएस धोनी ने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 इंटरनेशनल मैच में 10,773, 4876, 1617 रन बनाए। उन्होंने 332 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत की कप्तानी की और आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले दुनिया के इकलौते कप्तान बने।