- रॉबिन उथप्पा ने खेली 44 गेंद में 63 रन की पारी
- दूसरे विकेट के लिए रुतुराज गायकवाड़ के साथ की 77 गेंद में 110 रन की साझेदारी
- उथप्पा ने चेन्नई के लिए जड़ा मुश्किल वक्त में पहला अर्धशतक
दुबई: सुरेश रैना का बल्ला आईपीएल 2021 के दूसरे चरण में खामोश रहा तो धोनी को अपने भरोसेमंद खिलाड़ी को एकादश से बाहर करना पड़ा। ऐसे में जिस खिलाड़ी पर उन्होंने रैना की जगह भरोसा जताया वो खिलाड़ी थे रॉबिन उथप्पा। 35 वर्षीय उथप्पा ने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 4 अक्टूबर को डेब्यू किया और 19 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद पंजाब के खिलाफ भी उनका बल्ला नहीं चला और वो 2 रन बनाने के बाद पवेलियन वापस लौट गए।
नाकामी के बावजूद धोनी ने जताया भरोसा
ऐसे में जब प्लेऑफ दौर में दिल्ली के खिलाफ एकादश चुनने का मौका आया तो कप्तान धोनी ने उथप्पा पर भरोसा जताया। जबकि कई पूर्व दिग्गज और विशेषज्ञ प्लऑफ दौर में सबसे ज्यादा रन बनाने वाल सुरेश रैना को दोबारा मौका देने की वकालत कर रहे थे। ऐसे में धोनी ने एक बार फिर अपने दिल की सुनी और एकादश में किसी बदलाव के बगैर मैदान पर उतरी और रॉबिन को मौका मिल गया।
धोनी के भरोसे पर धमाकेदार अंदाज में उतरे खरे
जीत के लिए 173 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई ने फॉफ डुप्लेसी के रूप में पहला विकेट पारी की चौथी गेंद पर गंवा दिया। ऐसे में रॉबिन को जल्दी ही बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरना पड़ा। आक्रामक बल्लेबाज के रूप में पहचान रखने वाले उथप्पा आज कुछ और इरादा करके मैदान पर उतरे थे। उन्होंने रविवार को अपने बल्ले से ऐसा जौहर दिखाया कि वो धोनी के भरोसे पर तो खरे उतरे ही वहीं अपने आलोचकों को दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर कर दिया।
35 गेंद में जड़ा धमाकेदार अर्धशतक
अनुभवी उथप्पा ने फॉर्म में चल रहे रुतुराज गायकवाड़ के साथ मोर्चा संभाला और दिल्ली के गेंदबाजों को धुनाई शुरू कर दी। पहली गेंद से ही वो आक्रामक नजर आ रहे थे। देखते देखते उन्होंने 10वें ओवर की आखिरी गेंद पर 2 रन भागकर 35 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। अर्धशतकीय पारी के दौरान उन्होंने 5 चौके और 2 छक्के जड़े।
आवेश खान के ओवर में जड़े दो चौके दो छक्के
उथप्पा की आक्रामकता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने पारी के छठे ओवर में अब तक दिल्ली के सबसे सफल गेंदबाज रहे आवेश खान के फेंके छठे ओवर में दो चौके और दो छक्के सहित कुल 20 रन जड़ दिए। उथप्पा किसी भी गेंदबाज को बख्शते नहीं दिख रहे थे। जिसके खिलाफ उन्हें मौका मिला उन्होंने उसकी गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचा दिया।