- ऋतुराज गायकवाड़ ने आरसीबी के खिलाफ अर्धशतक जमाया
- गायकवाड़ के आईपीएल करियर का यह पहला अर्धशतक है
- उनकी मौजूदा सीजन में शुरुआत निराशाजनक रही थी
दुबई: चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने रविवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) को 8 विकेट से करारी मात दी। आरसीबी ने 146 रन का लक्ष्य दिया था, जिसे हासिल करने में चेन्नई को कोई दिक्कत नहीं हुई। चेन्नई ने 18.4 ओवर में दो विकेट पर 150 रन बनाकर जीत अपने नाम की। इस मुकाबले में सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ का बल्ला जमकर चला। उन्होंने 51 गेंदों में चार चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 65 रन की पारी खेली। गायकवाड़ ने क्रिस मॉरिस पर विजयी छक्का लगाकर चेन्नई की जीत की नैया पार लगाई। यह उनके आईपीएल करियर का पहला शतक है। उन्होंने पिछले महीने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ आईपीएल डेब्यू किया था।
कोरोना, दो डक और आलोचकों का प्रहार
गायकवाड़ के लिए आईपीएल में अब तक का सफल बेहद मुश्किल भरा रहा। वह आईपीएल डेब्यू से पहले कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। संक्रमित होने के कारण उन्हें दो सप्ताह तक क्वारंटाइन रहना पड़ा था। हालांकि, जब गायकवाड़ को टूर्नामेंट में मौका मिला, तब तीन मैचों में उनका बल्ला पूरी तरह खामोश रहा। वह पहले मैच में शून्य पर, दूसरे में पांच पर और तीसरे मैच में शून्य पर आउट हुए। निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें आलोचकों के प्रहार भी सहने पड़े। इसके बावजूद उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा और चौथे मैच में दमदार वापसी कर सबको चकित कर दिया। उन्होंने अपने दम पर चेन्नई को चौथी जीत दिलाई। उन्हें शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड से नवाजा गया।
मैच के बाद क्या बोले गायकवाड़
मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड जीतने के बाद गायकवाड़ ने कहा कि ऐसी पारी खेलकर अच्छा लगता है। खासकर टीम के लिए मैच जीतना और अंत तक नॉटआउट रहना। मेरे लिए कोरोना की वजह से बाकी टीम की तुलना में अधिक दिनों तक क्वारंटाइन रहना कठिन था। हर किसी ने मेरे सपोर्ट किया। मैं अच्छा अभ्यास कर रहा था और मुझे पता था कि एक अच्छी पारी आने वाली है। दुर्भाग्य से पिछले तीन मैचों में जल्दी आउटर होकर पवेलियन लौटना पड़ा। लेकिन माही भाई सहित प्रबंधन ने मेरा समर्थन किया। विकेट धीमा था। मैं पूरी तरह एक्टिव था कि किस गेंदबाज को निशाना बनाना और किसको नहीं। यह मेरे लिए अच्छा रहा।