- सचिन तेंदुलकर ने खराब दौर से गुजर रहे पृथ्वी शॉ का मार्गदर्शन किया
- तेंदुलकर ने कहा कि शॉ प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और उनकी मदद करके खुश हूं
- तेंदुलकर ने यह नहीं बताया कि उन्होंने पृथ्वी शॉ को क्या सीख दी
नई दिल्ली: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने स्वीकार किया है कि उन्होंने युवा पृथ्वी शॉ को क्रिकेट और जीवन का पाठ सिखाया व उनका करियर दिशा में लाने की मदद की। तेंदुलकर ने कहा कि उन्होंने शॉ को क्रिकेट और जिंदगी के बारे में काफी सीख दी। तेंदुलकर ने पहले भी कई बार पृथ्वी शॉ को क्रिकेट सीख दी थी, जिसकी मदद से युवा बल्लेबाज ने अपने डेब्यू टेस्ट में शतक जमाकर इतिहास रचा था। मास्टर ब्लास्टर ने हालांकि यह बताने से इंकार कर दिया कि उन्होंने पृथ्वी शॉ को क्या सीख दी और इसे गोपनीय रखना सही समझा।
पृथ्वी पर तेंदुलकर का प्रभाव
टीम इंडिया के युवा क्रिकेटर पृथ्वी शॉ ने हाल ही में बताया था कि कैसे सचिन तेंदुलकर की सलाह से उन्हें अपनी बल्लेबाजी तकनीक को सुधारने में मदद मिली थी। शॉ ने कहा था कि सचिन तेंदुलकर ने उनकी बल्लेबाजी पर बारीकी से नजर रखी थी। शॉ ने कहा था, 'सचिन तेंदुलकर का मुझ पर बड़ा प्रभाव है। मैं उनसे पहली बार तब मिला था, जब 8 साल का था। वह हमेशा मुझे स्थिति के मुताबिक अपने नेसर्गिक खेल खेलने के लिए कहते हैं। मैदान के बाहर भी वह मुझे शांत रहने को कहते हैं।'
सचिन तेंदुलकर ने शॉ को अपने बल्ले की ग्रिप नहीं बदलने को कहा था जबकि उनके कोच ने बदलाव का सुझाव दिया था। सचिन की सलाह बताते हुए पृथ्वी ने कहा, 'मैं बॉटम-हैंड प्लेयर हूं और सचिन सर ने मुझे ग्रिप नहीं बदलने की सलाह दी। मैं युवा था और कोच की सलाह के मुताबिक अपने बल्ले की ग्रिप बदलता था। मगर सचिन सर ने कहा कि मैं अपनी ग्रिप नहीं बदलूं।' पृथ्वी ने सचिन तेंदुलकर के साथ अपनी तुलना पर कहा था, 'वो महान बल्लेबाज हैं। वह क्रिकेट के भगवान हैं।'
जब गिफ्ट किया था बल्ला
पृथ्वी शॉ ने बताया था कि सचिन तेंदुलकर से उन्हें जब भी बल्ला उपहार में मिला, तो उससे उन्होंने ढेरों रन बनाए। पृथ्वी शॉ ने एक शो में कहा था, 'मैं जब भी सचिन सर से मिलता हूं ना, तो हमेशा उनसे उनका बैट मांगता था। मेरे लिए उनका बल्ला काफी भाग्यशाली साबित होता रहा। जब भी वह मुझे बैट गिफ्ट देते तो मैं खूब रन बनाता था। सचिन सर के बल्ले का आकार भी एकदम परफेक्ट रहता है। उनसे जब मैं मिला, तो मैंने देखते ही सबसे पहले बल्ला मांगा था। तेंदुलकर सर बहुत अच्छे हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे अपना बल्ला गिफ्ट कर दिया।'