धर्मशाला: खेल मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण के खतरे को देखते हुए बीसीसीआई सहित सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को स्वास्थ्य मंत्रालय का परामर्श मानने और खेल प्रतियोगिताओं के दौरान बड़ी संख्या में लोगों को जुटाने से बचने को कहा है। खेल सचिव राधे श्याम जुलानिया ने कहा कि देश में खेल प्रतियोगिताएं जारी रह सकती हैं लेकिन बड़ी संख्या में लोग मौजूद नहीं रहें।
जुलानिया ने पीटीआई से कहा, 'हमने बीसीसीआई सहित सभी एनएसएफ से कहा है कि वे स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम परामर्श का पालन करें, जिसमें कहा गया है कि खेल गतिविधियों सहित सभी कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने से बचा जाए।' उन्होंने कहा, 'खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन जारी रह सकता है लेकिन परामर्श का पालन किए जाने की जरूरत है।'
देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की कवायद के तहत सरकार ने बुधवार को सभी मौजूदा विदेशी वीजा 15 अप्रैल तक निलंबित कर दिए। राजनयिक और कामकाजी वीजा जैसी कुछ श्रेणियों में हालांकि छूट दी गई है। भारत में अब तक कोरोना वायरस के 60 मामले सामने आ चुके हैं। इस विषाणु के कारण दुनिया भर में 4000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को इसे महामारी घोषित किया।
वीजा निलंबित करने के सरकार के फैसले से भारत में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर सवालिया निशान लग गया है। इस फैसले के कारण आईपीएल में कोई भी विदेशी खिलाड़ी 15 अप्रैल तक नहीं खेल पाएगा। इससे पहले निशानेबाजी विश्व कप और इंडिया ओपन गोल्फ जैसी खेल प्रतियोगिताएं भी स्थगित कर दी गईं।
इसके अलावा इस महीने होने वाले इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट का आयोजन भी दर्शकों की गैरमौजूदगी में किया जाएगा। जुलानिया ने कहा, 'हमने बीसीसीआई सहित सभी एनएसएफ को पत्र लिखा है लेकिन बीसीसीआई ने अब तक जवाब नहीं दिया है। एनएसएफ ही नहीं, सरकार ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी पत्र लिखा है।' उन्होंने कहा, 'सरकार ने सभी राज्यों को महामारी अधिनियम 1897 का पालन करने को कहा है।'