तस्वीर साभार: PTI
दुबई, 11 नवंबर: लोकेश राहुल, डेविड वॉर्नर, जसप्रीत बुमराह और कगिसो रबाडा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने कोरोना वायरस के कारण मुश्किल परिस्थितियों में खेली गयी इंडियन प्रीमियर लीग में अपने अनुभव का फायदा उठाया तो वही देवदत्त पडिक्कल, रुतुराज गायकवाड़, टी नटराजन और वरुण चक्रवर्ती जैसे नये खिलाड़ियों ने अपने कौशल का लोहा मनवाया। लगभग दो महीने तक चले इस टी-20 टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से चमक बिखने वाले कुछ खिलाड़ियों की सूची इस प्रकार है।
- लोकेश राहुल: कप्तान के रूप में अपने पहले साल में राहुल ने 55.83 की औसत से 670 रन बनाने के साथ किंग्स इलेवन पंजाब को ज्यादातर मैचों में शानदार शुरुआत दिलायी। वह लगातार तीसरे साल टूर्नामेंट के शीर्ष स्कोरर रहे। उन्होंने पिछले दो सत्रों में 593 और 659 रन बनाये थे। उनकी कप्तानी में भी पंजाब की टीम ने शुरूआती सात में से छह मैचों में हार का सामना करने के बाद शानदार वापसी की लेकिन मामूली अंतर से प्लेऑफ में जगह बनाने से चूक गयी।
- डेविड वॉर्नर: सनराइजर्स के कप्तान डेविड वॉर्नर ने एक बार फिर अपने बल्ले का लोहा मनवाया और इस टूर्नामेंट के लगातार छठे सत्र में 500 से अधिक रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बन गये। उन्होंने टूर्नामेंट में खराब शुरूआत के बाद भी टीम को प्लेऑफ में पहुंचाया।
- टी नटराजन: सनराइजर्स को टूर्नामेंट में तीसरा स्थान दिलाने में वार्नर और राशिद खान के साथ बाएं हाथ के तेज गेंदबाज टी नटराजन ने सबसे अहम भूमिका निभायी। चोटिल भुवनेश्वर कुमार की अनुपस्थिति में, नटराजन ने अपने खेल में सुधार किया और लगातार सटीक यॉर्कर डाले। उन्होंने टूर्नामेंट में 31.50 की औसत से 16 विकेट लिये।
- कगिसो रबाडा: टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार पहुंचने वाली दिल्ली कैपिटल्स की सफलता के पीछे दक्षिण अफ्रीका के इस तेज गेंदबाज का हाथ रहा। उन्होंने 18.26 की औसत से सत्र में सबसे अधिक 30 विकेट लिये। उन्होंने हमवतन एनरिच नोर्जे (22 विकेट) के साथ शानदार जोड़ी बनायी।
- शिखर धवन: पूरे सत्र में दिल्ली कैपिटल्स की टीम पारी की अच्छी शुरूआत के लिए संघर्ष करती दिखी लेकिन शिखर धवन एक छोर पर मजबूती से डटे रहे। उन्होंने टूर्नामेंट में 618 रन बनाये जिसमें लगातार दो मैचों में शतक लगाने का रिकार्ड भी शामिल है।
- देवदत्त पाडिक्कल: आईपीएल के अपने शुरूआती सत्र में देवदत्त पडिक्कल ने 473 रन बनाने के साथ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के शीर्ष क्रम को स्थिरता दी। आकर्षक शॉट लगाने वाले इस युवा खिलाड़ी ने कप्तान विराट कोहली और अनुभवी एबी डिविलियर्स के बोझ को भी कम किया। वह टूर्नामेंट के उदयिमान खिलाड़ी भी बने।
- रुतुराज गायकवाड: रुतुराज गायकवाड के लिए यह टूर्नामेंट फर्श से अर्श तक के सफर वाला रहा। कोरोना वायरस की चपेट में आने के कारण शुरूआती मैचों से बाहर रहने के बाद उन्होंने मौका मिलने पर पहले तीन मैच में क्रमश: शून्य, पांच, शून्य रन बनाये। उन्होंने हालांकि लगातार तीन अर्धशतक लगाकर अपनी कौशल का लोहा मनवाया। चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए यह सबसे खराब टूर्नामेंट जरूर रहा लेकिन उन्हें भविष्य का सितारा मिल गया।
- वरूण चक्रवर्ती: अबूझ स्पिनर वरूण चक्रवती ने का प्रदर्शन इतना दमदार रहा की कोलकाता नाइट राइडर्स को कुलदीप यादव जैसे अनुभवी स्पिनर को अंतिम 11 से बाहर रखना पड़ा। उन्होंने भी 20.94 की औसत से 17 विकेट लेकर टीम को निराश नहीं किया। इसमें एक मैच में पांच विकेट भी शामिल है। वह इस प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम के लिए भी चुने गये लेकिन कंधे की चोट के कारण उनकी जगह फिर नटराजन का मिली।
- इशान किशन: झारखंड के युवा विकेट-कीपर बल्लेबाज ने मुंबई इंडियन्स को चैम्पियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सौरभ तिवारी के चोटिल होने पर अंतिम 11 में मौका पाने वाले किशन ने 57.33 की शानदार औसत से 516 रन बनाये। उन्होंने इस दौरान सत्र में सबसे ज्यादा 30 छक्के भी लगाये। कप्तान रोहित शर्मा के चोटिल होने के दौरान उन्होंने पारी का आगाज करते हुए भी शानदार बल्लेबाजी की।
- जसप्रीत बुमराह:: लगभग छह महीने तक क्रिकेट से दूर रहने के बाद भी मुंबई इंडियन्स की तेज गेंदबाजी के अगुवा जसप्रीत बुमराह के पैनापन में कोई कमी नहीं आयी जिन्होंने महज 14.96 कर औसत से 27 विकेट चटकाये। उन्होंने ट्रेंट बोल्ट (25 विकेट) के साथ शुरुआती और आखिरी ओवरों में विरोधी टीम के बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने का मौका नहीं दिया।