- विराट कोहली इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिट खिलाड़ियों में से एक हैं
- कोहली ने बताया कि आईपीएल 2012 के बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह बदला
- कोहली ने बताया कि पहली बार कब अपनी डाइट में बदलाव करने का एहसास हुआ
मुंबई: दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक और टीम इंडिया का सभी प्रारूपों में नेतृत्व करने वाले विराट कोहली ने अपने आप को आधुनिक क्रिकेट के महान खिलाड़ियों के रूप में स्थापित किया है। कोहली ने बल्ले से निरंतर ही बेहतर प्रदर्शन किया और इकलौते बल्लेबाज हैं, जिनका क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में 50 से ज्यादा औसत है। दुनिया के सबसे धाकड़ बल्लेबाजों में से एक होने के साथ-साथ कोहली विश्व के सबसे फिट रहने वाले खिलाड़ियों में से भी एक हैं।
भारतीय कप्तान सख्त ट्रेनिंग करते हैं और अपनी डाइट का बराबर ध्यान रखते हैं ताकि अपने खेल में शीर्ष पर बने रहे। उनकी शानदार फिटनेस को ही उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी का श्रेय भी दिया जाता है। हालांकि, कोहली हमेशा से फिटनेस को लेकर सख्त नहीं हुआ करते थे और उन्होंने हाल ही में खुलासा किया कि एक समय था जब उन्हें महसूस हुआ कि वह सर्वोच्च स्तर पर सफल होने के लिए अपना पर्याप्त नहीं झोंक रहे हैं।
फिटनेस को लेकर चिंता बढ़ी
भारतीय टीम के साथी मयंक अग्रवाल से बातचीत करते हुए कोहली ने वो समय याद किया जब 2012 आईपीएल सीजन के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के बर्ताव में बदलाव करने का फैसला किया था। उस समय कोहली अपने आप को देखकर काफी निराश भी थे। भारतीय कप्तान ने बताया कि दुनिया में क्रिकेट बदल रहा था और फिटनेस के स्तर पर अन्य टीमें बेहतर थीं जबकि कोहली का मानना था कि भारतीय टीम उस स्तर पर नहीं थी, जिससे वह चिंतित थे।
मयंक से बात करते हुए कोहली ने कहा, 'खेल के साथ सबकुछ करना चाहता था। 2012 आईपीएल के बाद घर लौटा, खुद को देखा, काफी निराश हुआ और अपने आप को बदलने का मन किया। ऐसा इसलिए भी करना चाहा क्योंकि खेल का तरीका बदल रहा था और दुनिया भी इसे अपनाते हुए तेजी से बदल रही थी। मुझे लगा कि हम इस मामले में अन्य टीमों से पीछे हैं। अन्य टीमें फिटनेस के स्तर पर काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं।'
31 साल के कोहली ने आगे कहा, 'हर सत्र, हर स्पेल, बल्लेबाजी का हर घंटा, फील्डिंग सेशन, एक रन रोकना या जादूई रनआउट करने, सभी में एक जैसा जोश चाहिए होता है। अन्य टीमें नियमित तौर पर ऐसा कर पा रही थीं जबकि हम ऐसा नहीं कर पा रहे थे।'
किस तरह अपनी डाइट पर पाया काबू
कोहली ने फिर खुलासा किया कि उनकी डाइट बहुत खराब थी और वह आईपीएल सीजन के दौरान 4-5 दिनों में 40 टॉफी वाला पैकेट खत्म कर लेते थे। भारतीय कप्तान ने कहा कि वह कुछ भी खा लेते थे और बहुत गहरी नींद में सोते थे, जिसे बदलने की जरूरत लगी। कोहली ने 2011 आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया था, जहां 16 मैचों में 557 रन बनाए थे, लेकिन वह अगले सीजन में इस तरह का कमाल बिखेरने में नाकाम रहे और आईपीएल 2012 में उन्होंने 16 मैचों में 364 रन बनाए। 2012 आईपीएल में खराब प्रदर्शन के बाद कोहली की मानसिकता में बदलाव आया और उन्होंने अपनी ट्रेनिंग व डाइट में बदलाव किया।
भारतीय कप्तान ने कहा, 'मुझे काफी चिंता होती थी कि हम बदलाव के लिए क्या कर सकते हैं और वह प्रक्रिया कैसी होगी। इसके लिए सबसे पहले व्यक्तिगत स्तर पर शुरूआत करनी होगी। यह एहसास मुझे आईपीएल 2012 के बाद आया जब मैं अपने ही सामने कुछ भी खा लेता था। हम जिस होटल में रूकते थे, वहां टॉफी का पैकेट होता था और वो उन्हें हर बार भरना पड़ता था क्योंकि मैं उसे 4-5 दिनों में खत्म कर देता था। उस समय मेरी डाइट इस प्रकार की होती थी।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं पागलों जैसे नींद लेता था क्योंकि वो ऐसा समय था जब मुझे सफलता मिली और हर चीज अच्छी हो रही थी। मैं आईपीएल में इस मानसिकता के साथ गया कि सब पर हावी होकर खेलूंगा। चीजें वैसी नहीं हुई और मेरी प्रक्रिया सही नहीं थी। फिर चीजें हुईं, मैंने तारीफ नहीं की और तुरंत इज्जत की। मुझे हारा हुआ था। मैं घर गया तो एहसास हुआ कि मैं जिस तरह तैयारी कर रहा हूं, उसके लिए खुद को बदलना होगा। अगले दिन से बदलाव किया और फिर वहां से मेरे अंदर पूरी तरह बदलाव आया और चीजें बदलीं।'