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बिहार में एक और पत्रकार की हत्‍या, सड़क किनारे मिला अधजला शव, फर्जी मेडिकल क्लिनिक्‍स का किया था पर्दाफाश

Updated Nov 14, 2021 | 14:21 IST

Bihar journalist killing: बिहार में एक युवा पत्रकार व आरटीआई कार्यकर्ता की नृशंस हत्‍या की वारदात सामने आई है। पत्रकार का अधजला शव सड़क किनारे से बरामद किया गया है। स्‍थानीय लोगों ने इसके लिए 'मेडिकल माफिया' को जिम्‍मेदार ठहराया है, जिसके खिलाफ उन्‍होंने कई रिपोर्ट लिखी थी।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
बिहार में एक और पत्रकार की हत्‍या, सड़क किनारे मिला अधजला शव, फर्जी मेडिकल क्लिनिक्‍स का किया था पर्दाफाश

पटना : बिहार के पूर्ण‍िया में एक स्‍थानीय पत्रकार और जिला परिषद के पूर्व सदस्‍य की हत्‍या के बाद अब राज्‍य से एक और पत्रकार की हत्‍या का मामला सामने आया है। 22 साल के युवा पत्रकार व RTI कार्यकर्ता का शव मधुबनी जिले में एक गांव के पास सड़क किनारे अधजली अवस्‍था में बरामद किया गया, जिसके बाद से स्‍थानीय लोगों में जबरदस्‍त आक्रोश है। उन्‍होंने इसके लिए राज्‍य में 'मेडिकल माफिया' को जिम्‍मेदार ठहराया है।

मृतक की पहचान बुद्धिनाथ झा उर्फ अविनाश झा के तौर पर की गई है, जो एक स्‍थानीय न्‍यूज पोर्टल में पत्रकार के तौर पर कार्यरत थे। 22 साल के इस युवा पत्रकार और आरटीआई कायकर्ता ने अपनी रिपोर्ट में राज्‍य में फर्जी म‍ेडिकल क्लिनिक्‍स को लेकर कई खुलासे किए थे, जिसके बाद कई क्लिनिक बंद हो गए तो कई को भारी-भरकम जुर्माना चुकाना पड़ा। उन्‍होंने अपनी एक रिपोर्ट में 10 अस्‍पतालों की लिस्‍ट भी अपलोड थी, जिन्‍हें लेकर जांच की जानी थी।

'मेडिकल माफिया' ने ली जान!

अविनाश ने चार दिन पहले ही फेसबुक पर 'फर्जी' मेडिकल क्लिनिक की लिस्‍ट शेयर की थी। इसके दो दिन बाद से ही उनके बारे में कुछ पता नहीं चल रहा था। अविनाश झा के घर के बाहर लगे सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग में उन्‍हें आखिरी बार मंगलवार रात लगभग 10 बजे देखा गया था। इसके बाद बुधवार को भी जब अविनाश के बारे में कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने पुलिस में इसकी शिकायत दी, लेकिन पुलिस गुरुवार तक भी पत्रकार के बारे में पता नहीं लगा पाई।

अविनाश झा के एक रिश्‍तेदार को शुक्रवार (12 नवंबर) को फोन आया, जिसमें हाईवे पर एक अधजला शव मिलने की बात कही गई। इसके बाद वे पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और अंगूठी तथा गले में पहनी चेन से उसकी पहचान सुनिश्चित की। इस घटना के बाद स्‍थानीय लोगों में जबरदस्‍त आक्रोश है। उन्‍होंने अविनाश के लिए न्‍याय की मांग को लेकर उन्‍होंने एक मार्च भी निकाला और इस जघन्‍य हत्‍याकांड के लिए सीधे तौर पर 'मेडिकल माफिया' को जिम्‍मेदार ठहराया।

बताया जा रहा है कि अपनी रिपोर्टिंग को लेकर अविनाश को पहले भी कई धमकियां मिल चुकी थीं, जबकि रिपोर्टिंग बंद करने के लिए लाखों रुपये की रिश्‍वत की पेशकश भी की गई थी, लेकिन इस युवा पत्रकार ने इन सबकी कभी परवाह नहीं की और अपने काम में लगा रहा। स्‍थानीय लोगों का मानना है कि अविनाश झा की इस तरह की निडर रिपोर्टिंग की वजह से राज्‍य में सक्रिय 'मेडिकल माफिया' के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थी और उसकी मौत के लिए भी वे ही जिम्‍मेदार हैं।