- तीन माह पहले मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ युवक जिंदा वापस लौटा
- 10 अगस्त को मॉब लिंचिंग का शिकार ये शख्स मृत घोषित कर दिया गया था
- जिंदा परिवार के पास वापस लौटा, परिवार में आई खुशियों की लहर
- पुलिस कर रही मॉब लिंचिंग के आरोपियों की तलाश
पटना : बिहार के नौबतपुर में 10 अगस्त को मॉब लिंचिंग के बाद मृत घोषित कर दिया गया एक व्यक्ति वापस लौट आया है। पटना एसएसपी ने बताया कि उसके पिता और पत्नी ने उसकी पहचान कर ली है। पुलिस ने बताया कि मॉब लिंचिंग करने वाले लोगों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है।
वापस लौट कर आए व्यक्ति की पहचान कृष्णा मांझी के तौर पर हुई है। इसी साल 10 अगस्त को उसे कुछ लोगों ने मॉब लिचिंग का शिकार बनाया गया था जिसके बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया था। वह अब से करीब 1 सप्ताह पहले अपने गांव घर वापस लौट आया है।
कृष्णा मांझी की पत्नी रुडी देवी ने कहा कि मैं उसके शव को पहचान कर पाने में सक्षम नहीं थी। तीन महीने पहले जब लोगों ने उसके साथ मारपीट की थी जब उसकी बॉडी इतनी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी थी कि पहचान कर पाना मुश्किल था। ग्रामीणों ने मुझे बताया था कि वह मेरे पति का शव है क्योंकि उसने उसी तरह के कपड़े पहन रखे थे।
लेकिन अब मेरे पति वापस जिंदा घर लौट आए हैं। बता दें कि 10 अगस्त को महमतपुर गांव में एक व्यक्ति को बच्चा चोर के आरोप में लिंच कर दिया गया था जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। मृतक की पहचान बाद में कृष्णा मांझी के तौर पर की गई थी जो रानी तालाब पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले निसारपुर गांव का वासी थी।
उसके परिवार ने पुलिस को बताया था कि वह कई दिनों से घर से लापता है। शव के पोस्टमार्टम के बाद उसे कृष्णा के परिवार को सौंप दिया गया था। परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था लेकिन उसके ठीक लगभग तीन महीने के बाद कृष्णा वापस जिंदा घर लौट आया जिसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।
10 अगस्त 2019 को नौबतपुर थाने में एक मॉब लिंचिंग की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पटना एसएसपी गरिमा मलिक ने बताया कि जिस व्यक्ति के शव को परिवार वालों ने अपना समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था अब वह वापस लौट आया है और उनके लिए खुशियां लेकर आया है। अब हम उस मॉब लिचिंग के आरोपियों की तलाश कर रहे हैं।