- BSF की सतर्कता से 2021 में 33 महिलाओं को मानव तस्करी के चंगुल से बचाया गया
- लड़कियों और महिलाओं को दिया गया था कई तरह का लालच- बीएसएफ
- नौकरी के नाम पर दलाल बुलाते हैं बांग्लादेश से महिलाओं को
नई दिल्ली: बीएसएफ की साउथ बंगाल फ्रंटियर ने 2021 में 33 महिलाओं को देह व्यापार में धकेले जाने से बचाया है। साउथ बंगाल फ्रंटियर ने पिछले साल 15 जनवरी को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की तैनाती की थी। इस यूनिट का मकसद बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में मानव तस्करी पर लगाम लगाकर इसके तस्करों पर रोक लगाना था।
5 नाबालिग भी थी शामिल
एंटी ट्रैफिकिंग यूनिट के 1 साल पूरा होने के मौके पर साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी ने बताया 33 पीड़ितों को मानव तस्करी से बचाया गया, उनमें से 28 महिलाएं और 5 नाबालिग लड़कियां थीं। इसके अलावा लड़कियों की तस्करी करने वाले 33 तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया। डीआईजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने कहा की लड़कियों का सौदा करने वाले ये दलाल बांग्लादेश की गरीब लड़कियों को नौकरी देने के नाम पर सीमा पार ले आते हैं।
बीएसएफ का बयान
अंतरराष्ट्रीय सीमा के संवेदनशील इलाकों में एंट्री ट्रैफिकिंग यूनिट की तैनाती के बाद से लड़कियों को वेश्यावृत्ति में धकेले जाने की घटनाओं में कमी जरूर आयी है लेकिन इसे जड़ से खत्म करने में अभी और समय लगेगा। इस समस्या को खत्म करने के लिए सबसे पहले एक जरूरी है लड़कियों के खरीदारों को जेल के पीछे डाला जाए साथ ही साथ महिलाओं और बच्चियों को मानव तस्करी के इस दलदल के बारे में भी सचेत किया जाए। बीएसएफ ने एक बयान जारी करके कहा है कि ज्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि मानव तस्कर लड़कियों को ब्यूटी पार्लर, बार डांसर, घरेलू नौकर, जिम, मसाज पार्लर, वेटर जैसे काम मे अच्छे पैसे का लालच देते हैं और फिर उन्हें वेश्यावृत्ति में फंसा देते हैं।