- विकास दुबे का साथी श्यामू बाजपेई पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद दबोचा गया
- श्यामू बिकरू गांव में पुलिस दल पर हमले में पुलिस वालों की हत्या में वांटेड था
- विकास दुबे का करीबी साथी अमर दुबे हमीरपुर में एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया
लखनऊ: कानपुर मुठभेड़ केस में उत्तर प्रदेश पुलिस अपराधियों की घेराबंदी में जुटी है, हालांकि विकास दुबे अभी तक फरार है लेकिन पुलिस उसके करीबी सहयोगियों से निपट रही है जो फरार हैं, पुलिस ने हमीरपुर जिले के मौदाहा में विकास के करीबी सहयोगी अमर दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया, कानपुर मुठभेड़ केस में अमर भी आरोपी था वहीं पुलिस को दूसरी सफलता जल्दी ही मिली जब बिकरू कांड के मास्टरमाइंड विकास दुबे और उसके गिरोह के खिलाफ जारी अभियान के तहत बुधवार को चौबेपुर इलाके में विकास दुबे के एक साथी श्यामू बाजपेई को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।
चौबेपुर के थानाध्यक्ष केएम राय ने बताया कि विकास दुबे का साथी श्यामू बाजपेई चौबेपुर इलाके में पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके पैर में गोली लगी है। उसके सिर पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित है। बाजपेई गत दो-तीन जुलाई की मध्य रात्रि को गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार करने बिकरू गांव गए पुलिस दल पर हमले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में वांछित था।
इस मामले में पुलिस को मिली यह दूसरी बड़ी कामयाबी है। इससे पहले आज सुबह विकास दुबे का करीबी साथी अमर दुबे हमीरपुर के मौदहा में स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुठभेड़ में मारा गया।
विकास दुबे की फरीदाबाद के एक होटल में छिपने की आई थी खबर
पुलिस को इस बात की सूचना मिली की विकास अपने गुर्गों के साथ फरीदाबाद के एक होटल में छिपा है। इसके बाद पुलिस की कई टीमें सादे कपड़ों में वहां पहुंचीं लेकिन वह होटल से फरार हो चुका था। पुलिस ने फरीदाबाद से दो लोगों को गिरफ्तार किया ये दोनों विकास दुबे के साथी बताए जा रहे हैं।
पुलिस ने इनके पास से चार पिस्टल भी बरामद की है पुलिस उनसे बिकरू गांव की घटना के बारे में पूछताछ कर रही है। गुरुवार की रात की घटना के बाद से विकास अपने गुर्गों के साथ फरार है, उसे पकड़ने के लिए 40 पुलिस थानों की 25 टीमें लगातार छापे मार रही हैं।
कानपुर एनकाउंटर मामले पर एक नजर
कानपुर में विकास दुबे गैंग के अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित यूपी पुलिस के आठ जवान शहीद हो गए थे दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले दिकरू गांव में पुलिस का दल हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था। इसी दौरान घात लगाकर बैठे अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी गई और पुलिसकर्मियों को बचने तक मौका नहीं मिला। इस वारदात में एके 47 जैसे हथियारों का प्रयोग किया गया था।
किलेनुमा घर है विकास दुबे का जिसे पुलिस ने मिट्टी में मिला दिया
विकास दुबे का घर इसी गांव में है जो बिल्कुल किलेनुमा घर में रहता है जहां उसने असलहा और गोला बारूद एकत्र किया था। इस घर में विकास दुबे की इजाजत के बिना कोई नहीं घुस सकता है। विकास यादव हिस्ट्रीशीटर रहा है और उसके खिलाफ यूपी में अपहरण, फिरौती, जबरन वसूली, हत्या जैसे लगभग दर्जनों मामले दर्ज हैं। विकास दुबे के बारे में कहा जाता है कि उसकी हर राजनीतिक दल में पैठ रही है। उसका खौफ ऐसा कि नेता भी उसका नाम लेने से डरते हैं। विकास दुबे की दंबगई का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसने 2001 में थाने के अंदर घुसकर तत्कालीन दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी।