- ठग गैंग के 5 लोगों को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार
- क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने लोगों से करते थे ठगी
- आरोपियों के पास से पुलिस ने बरामद किए नकली सिम कार्ड और मोबाइल फोन
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस ने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने लोगों से ठगी करने वाले पांच सदस्यों के गिरोह का भंडाफोड़ किया। उनके पास से पीड़ितों को ठगने के लिए इस्तेमाल किए गए कुल 31 नकली सिम कार्ड और 19 फोन भी बरामद किए गए। पुलिस ने 25 सीलबंद मोबाइल फोन, चार सीलबंद कैमरे और चार स्मार्ट घड़ियों के साथ एक पैकेट भी बरामद किया है। गिरोह ने इन सभी को उस पैसे से खरीदा था, जो उन्होंने पीड़ितों से लूटा था। कथित तौर पर आरोपियों ने अपने पीड़ितों को धोखा देकर लाखों की कमाई की थी।
क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने लोगों से करते थे ठगी
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक गिरोह के सदस्य बैंक अधिकारी बनकर लोगों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के बहाने फोन करता था। मामले में राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर लगभग 25 शिकायतें दर्ज की गई हैं। 25 मई, 2022 को इब्राहिम अली ने एनसीआरपी पोर्टल के साथ एक शिकायत दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसे एक व्यक्ति का कॉल आया था, जिसने शिकायतकर्ता को सूचित किया था कि वह एसबीआई बैंक से कॉल कर रहा है।
उसने शिकायतकर्ता से उसका क्रेडिट कार्ड नंबर पूछा और उसे आश्वासन दिया कि उसकी क्रेडिट कार्ड की सीमा 1.25 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख कर दी जाएगी। शिकायतकर्ता को किसी भी तरह की गड़बड़ी का संदेह नहीं था, इसलिए उसने फोन करने वाले के साथ अपना क्रेडिट कार्ड नंबर शेयर किया। इसी बीच शिकायतकर्ता के मोबाइल पर एक ओटीपी आया। ठग ने शिकायतकर्ता को बताया कि उसके क्रेडिट कार्ड की लिमिट सफलतापूर्वक बढ़ा दी गई है।
पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार
प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ओटीपी नंबर भरना था। जैसे ही शिकायतकर्ता ने ठग को ओटीपी बताया, उसके क्रेडिट कार्ड से 89,120 रुपए की धोखाधड़ी का लेनदेन किया गया और रकम के साथ फ्लिपकार्ट से पांच एंड्रॉइड मोबाइल फोन खरीद लिए। इसके बाद अपराधियों की पहचान तकनीकी विश्लेषण, मनी ट्रेल, फ्लिपकार्ट की डिलीवरी डिटेल के आधार पर की गई। इसके बाद आरोपियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। सभी पांचों आरोपी विजय कुमार शर्मा, मूलचंद, शुभम, संजीव और अमित सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे सह-आरोपी राज से व्हाट्सएप पर संपर्क करके क्रेडिट कार्ड का डेटा खरीदते थे, जो अभी फरार है। फिर वे पीड़ितों से टेलीफोन पर संपर्क करने के लिए नकली सिम कार्ड की व्यवस्था करते थे और खुद को बैंक अधिकारियों के रूप में पेश करते थे। पीड़ितों के क्रेडिट कार्ड की लिमिट बिना शुल्क बढ़ाने के बहाने उन्हें पीड़ितों से ओटीपी नंबर मिला। इस पैसे से फ्लिपकार्ट से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, कैमरा, ईयरपॉड्स आदि खरीदे गए। उसके बाद गिरोह ने अलग-अलग स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को सस्ते दामों पर बेच दिया।