- अक्टूबर 2020 में बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की हुई थी हत्या
- निकिता हत्याकांड के बाद हुआ था जबरदस्त हंगामा
- परिवार वालों ने लव जिहाद का भी लगाया था आरोप
नई दिल्ली। निकिता मर्डर केस में फरीदाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को दोषी करार दिया है। तीसरे अभियुक्त जिस पर हथियार मुहैया कराने का आरोप था, उसे मामले में बरी कर दिया गया है। इस मामले में सजा का ऐलान शुक्रवार (26 मार्च) को होगा।
तौसीफ नुह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद का चचेरा भाई है। निकिता हत्याकांड सुर्खियों में रहा था। इस मर्डर के विरोध में आगरा- दिल्ली हाईवे को बंधक बना लिया गया। पीड़ित परिवार का कहना था कि तौसीफ उनकी बेटी पर धर्म परिवर्तन का दबाव भी बनाता था। इस केस के सिलसिले में हरियाणा सरकार ने कहा था कि अगर परिवार चाहेगा तो हत्या से पहले क्या कुछ हुआ था उसकी भी जांच कराने के लिए तैयार है।
निकिता केस से हिल गया था हरियाणा
26 अक्टूबर 2020 को बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज के सामने निकिता को गोली मारी गई थी। जिस समय वारदात को अंजाम दिया गया उस समय वो परीक्षा देकर कॉलेज से बाहर निकली थी। यह वारदात सीसटीवी में कैद हो गई थी। हत्या का आरोप नुह से कांग्रेस विधायक आफताब अहमद के चचेरे भाई तौसिफ पर लगा। पुलिसिया पूछताछ में तौसिफ ने माना कि गोली मारने की योजना उसवे वेब सीरीज मिर्जापुर देखने के बाद बनाई थी। दरअसल तौसीफ निकिता से शादी करना चाहता था।
कुल 60 लोग थे गवाह
इस केस में हरियाणा पुलिस ने एक महीने से कम समय में चार्जशीट दाखिल की थी। इस मुकदमे को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जा रहा है। इस पूरे केस में कुल 60 लोगों को गवाह बनाया गया था। इस केस में निकिता की मां और उनके मामा को भी गवाह बनाया गया था। लेकिन उनकी गवाही नहीं कराई गई। अभियोजन पक्ष का कहना था कि उनके पास गवाहों की लंबी चौड़ी लिस्ट थी।