- पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराए गए शख्स ने एक बार फिर ऐसी ही घटना को अंजाम दिया है
- जमानत मिलने के बाद वह दूसरी नाबालिग लड़की को लेकर फरार हो गया
- कोर्ट ने अब सरकार से उसकी जमानत रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा है
अहमदाबाद : गुजरात में 24 वर्षीय एक युवक को नाबालिग के साथ यौन दुर्व्यवहार के मामले में दोषी ठहराया गया था। उसे सजा भी हुई, लेकिन पिछले दिनों गुजरात हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे दी, जिसके बाद उसने फिर इसी तरह की वारदात को अंजाम दिया। वह 14 साल की एक अन्य लड़की को लेकर फरार हो गया है। अब हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भरुच के पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच करने और नाबालिग को अदालत में पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही राज्य सरकार को दोषी की जमानत रद्द करने के लिए कार्यवाही शुरू करने के लिए भी कहा।
अदातल ने ठहराया था दोषी
जिले के जंबूसर तालुका के उच्छाड़ गांव से ताल्लुक रखने वाला दिलीप पडियार 2016 में एक नाबालिग लड़की के साथ फरार हो गया था। नाबालिग लड़की के अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी के खिलाफ एक विशेष अदालत में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया गया था। अदालत ने उसे दिसंबर 2018 में दोषी ठहराते हुए 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। जनवरी 2019 में उसने विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी और जमानत भी ले ली।
दूसरी बार दिया वारदात को अंजाम
हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद आरोपी बीते साल नवंबर में एक और नाबालिग लड़की को लेकर भाग गया। इस मामले में लड़की के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बाद में उन्होंने कोर्ट का रुख किया और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर बेटी को अदालत में पेश करने संबंधी आदेश देने का अनुरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बावजूद उनकी बेटी का पता लगाने की कोशिश नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि आरोपी एक आदतन अपराधी है।
हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
हाई कोर्ट ने अब इस मामले में सरकार से आरोपी की जमानत को रद्द करने की कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया है। इसके लिए जिला एसपी, अदालत की रजिस्ट्री को भी निर्देश दिए गए हैं। न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार को दोषी की जमानत रद्द करने के लिए आवेदन दायर करने के लिए कहा और इसे अर्जेंट मसला मानने के लिए हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश जारी किया। भरूच एसपी को 20 जुलाई तक अदालत में नाबालिग को पेश करने और मामले की जांच करने के लिए कहा गया है। एसपी से कहा गया है कि अगर उक्त तिथि तक नाबालिग का पता नहीं चलता है तो मामले में एक्शन रिपोर्ट पेश करे।