उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड (Hathras Case) में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है अब इस मामले में आरोपियों के साथ-साथ पीड़ित पक्ष का भी पॉलीग्राफ और नारको टेस्ट कराया जाएगा बताया जा रहा है कि एसआईटी की पहली रिपोर्ट मिलने के बाद ये कदम उठाया गया है,सरकार सच्चाई जानने के लिए इस मामले में लाइ-डिटेक्टर टेस्ट कराएगी।
इससे पहले हाथरस कांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में नजर आए और उन्होंने हाथरस के एसपी विक्रांत वीर को उनके पद से निलंबित कर दिया है। एसपी के साथ साथ डीएसपी और इंस्पेक्टर को भी निलंबित किया गया था बताया जा रहा है कि एसपी और डीएसपी का नार्को टेस्ट भी कराया जाएगा
इसके साथ ही चंदपा थाने में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ पीड़ित परिवार का भी नार्को टेस्ट होगा। बताया जा रहा है कि एसआईटी टीम की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर फिलहाल सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई नहीं की है। मृत लड़की के परिवार ने डीएम लक्षकार पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं।
हाथरस जिला प्रशासन पर न केवल राजनीतिक दल बल्कि मीडिया का भी आरोप है कि कुछ न कुछ छिपाया जा रहा है। पीड़ित के परिवार ने हाथरस के डीएम पर संगीन आरोप लगाए हैं कि किस तरह से वो दबाव बना रहे हैं। वो बार बार कह रहे हैं कि जो लोग आवाज उठा रहे हैं वो कुछ दिनों के बाद चले जाएंगे। प्रशासन ही रह जाएगा इसलिए विवाद को जन्म न दें। इसके अलावा पीड़ित परिवार का कहना है कि डीएम साहब ने खुद उसके ताऊ की छाती पर लात मारी थी।