- कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड जफर हयात हाशमी गिरफ्तार
- जफर हयात हाशमी पर कानपुर में पोस्टर लगावाने और सोशल मीडिया के जरिए भड़काने का लगा है आरोप
- हयात जफर के परिजनों ने पुलिस के आरोपों को बताया बेबुनियाद
Kanpur Hinsa हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जफर हयात हाशमी ने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों को कानपुर में बाजार बंद करने और जेल भरो आंदोलन की अपील की थी। जफर हयात हाशमी को कानपुर में पोस्टर लगावाने का आरोप लगा है। इसके साथ ही साफ हुआ है कि कानपुर हिंसा मामले में पीएफआई का हाथ है। हालांकि जफर के परिवार का कहना है कि उसे बेवजह फंसाया जा रहा है और उसन बंद के आह्वान को वापस ले लिया था।
हयात ने लोगों को उकसाया
पुलिस ने कहा कि मौलाना मुहम्मद जौहर अली फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी ने भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के विरोध में बाजार बंद का आह्वान किया था। आरोप है कि हाशमी ने लोगों को उकसाया, जिससे पथराव हुआ और दो समूहों के बीच झड़पें हुईं, जिसमें कई पुलिस कर्मियों सहित 30 से अधिक लोग घायल हो गए।
Kanpur Violence में 100 से ज्यादा लोगों ने की हिंसा, आरोपियों के खिलाफ एक्शन में योगी सरकार
सरकार कर रही है सख्त कार्रवाई
हाशमी कथित रूप से कानपुर में प्रस्तावित नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों में भी शामिल रहा था। इससे पहले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा था कि हिंसा में शामिल लोगों पर कठोर गैंगस्टर अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उनकी संपत्ति को जब्त या ध्वस्त कर दिया जाएगा।
लगातार जांच कर रही है पुलिस
प्राथमिकी में नामित अन्य आरोपियों में एहितशाम, जीशान, आकिब, निजाम, अजीजुर, आमिर जावेद, इमरान काले, यूसुफ मंसूरी शामिल हैं। 1,000 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा और हिंसा को लेकर तीन प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस ने कहा कि रात भर की छापेमारी के बाद अब तक 35 गिरफ्तारियां की गई हैं, और वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के जरिए हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से भी लिंक की जांच की जा रही है।
Kanpur Violence: कानपुर हिंसा पर योगी सरकार का सख्त फैसला, गैंगस्टर एक्ट से बुलडोजर तक