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Lawrence Bishnoi: एक भी गोली न चलाने वाला कैसे बना नामी गैंगस्टर?

मोहित ओम | Senior correspondent
Updated Jun 07, 2022 | 17:14 IST

पंजाब यूनिवर्सिटी का छात्र नेता आज की तारीख मे लारेंस भाई है जो एक नामी गैंगस्टर है। जिसका नाम बड़ी बड़ी वारदातों में सामने आने लगा है हाल में हुई सिद्धू मूसावाला हत्याकांड और सलमान खान और उनके पिता को धमकी में सीधा नाम जिस गैंगस्टर का आ रहा है वो है लारेंस बिश्नोई।

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लारेंस बिश्नोई ने अपने जेल से निकले साथियों को विदेशों मे बसने में मदद करवाई है

नई दिल्ली: लारेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) ने पिछले कुछ वक्त से जेल मे रहकर की अपना एक बड़ा नेटवर्क बनाया है और इस नेटवर्क मे इसने कई छोटे बड़े कई गैंग्स से अपना रिश्ता स्थापित किया है और इस नेटवर्क की मदद से कई बड़ी वारदातों की साजिश रची है। पिछले 8 दिनों से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की पूछताछ मे लारेंस को लेकर कई बातें सामने आयी है। जिसमे सबसे हैरान करने वाली बात है कि आज तक लारेंस बिश्नोई ने आज तक किसी भी इंसान पर गोली नहीं चलाई है। हालांकि कई हत्या की साजिश रचने में इसका नाम जरूर है। 

लारेंस बिश्नोई के खिलाफ 50 से ज्यादा मुकद्दमे जरूर हैं लेकिन दिल्ली में सिर्फ आर्म्स एक्ट के मुकद्दमे में ये तिहाड़ जेल मे बंद है। इसी मुकद्दमे में ये पिछले 8 दिनों से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की रिमांड पर है।

कैसे चलाता है ये अपना नेटवर्क?

लॉरेंस के बारे में पता चला है कि ये दो गैंग्स की दुश्मनी का फायदा अपने लिए उठाता है और दोनों में से मजबूत गैंग का साथ देकर कमजोर गैंग को खत्म करवा देता है और मजबूत गैंग को अपने साथ मिला लेता था। इसके बाद उस गैंग्स से उसके नेटवर्क वाले क्षेत्र मे व्यपारियों से उगाही और अन्य गैरकानूनी काम करवाता था।

अपने इसी तेज दिमाग से इसने हरियाणा के संपत नेहरा, काला  जठेड़ी, दिल्ली के गोगी, काला राणा और राजस्थान के आनंद पाल गैंगस्टर के छोटे भाई के जैसे गैंग्स से अपने रिश्ते बनाए है।

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विदेशों में भी सक्रिय है इसका नेटवर्क

लारेंस बिश्नोई ने अपने जेल से निकले साथियों को विदेशों मे बसने में मदद करवाई है और देश में अपने गैर कानूनी कामों में उन साथियों का इस्तेमाल करता है। लॉरेन्स बिश्नोई का इकलौता सगा छोटा भाई 24 साल का अनमोल बिश्नोई अभी यूरोप मे और वहां से वो लगातार इसके संपर्क में रहता है। ऐसे ही इसका सबसे खास दोस्त गोल्डी बरार भी कनाडा मे है। पुलिस को शक है कि अगर लॉरेंस को एक बार जमानत मिली तो ये अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर विदेश भाग जाएगा और जिसके बाद इसको पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाएगा।

हवाला कारोबार का विदेशी नेटवर्क

लॉरेन्स के बारे पुलिस को पता चला है कि इसका विदेश में हवाला के पैसो को ठिकाने लगाने का एक बड़ा नेटवर्क है जिसका काम गोल्डी बरार देखता है। देश के व्यपारियों से उगाही के पैसों को ये हवाला नेटवर्क के जरिए ही ठिकाने लगवाता है। पुलिस सूत्रों की माने तो इसने पंजाब म्यूजिक इंडस्ट्री में भी बड़ा इन्वेस्टमेंट कर रखा है और वहां पर अपना वर्चस्व बनाने के लिए अपने अलग अलग गैंग्स का कई तरीकों से इस्तेमाल करता है। सिद्धू मुसावाला की हत्या के पीछे भी पंजाब म्यूजिक इंडस्ट्री में वर्चस्व की लड़ाई है जिसके चलते विक्की मुथूखेड़ा की भी हत्या हुई और उसका बदला लेने के लिए मूसावाला का मर्डर हुआ।

सिद्धू मुसावाला पर दवाब बनाना रहा था लॉरेन्स

पुलिस पूछताछ में पंजाब म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए लॉरेन्स चाहता था कि मूसावाला उसके कहने पर गाने गाए और इसको लेकर वो मुसावाला को धमका भी रहा था यही कारण है कि बहमिया गैंग्स से लॉरेन्स बिश्नोई की दुश्मनी की शुरुआत हुई थी क्योंकि सिधु मुसेवाला बहमिया गैंग का करीबी माना जाता है।

गैंगस्टर का लीडर बनना चाहता है लॉरेन्स बिश्नोई

पुलिस सूत्रों की माने पूछताछ के दौरान लारेंस ने ये बात कबूली है कि उसको एक बड़ा नाम बनाना है उसके लिए जहां वो अलग अलग गैंगस्टर्स से अपने रिश्ते स्थापित करता है तो वहीं जो भी गैंग इसके रास्ते में आता है उसको ये खत्म करवा देता है। लेकिन इसको अपनी मौत का डर भी हमेशा सताता है इसको लगता है कि इसके दुश्मन बने गैंग इसकी कभी भी हत्या करवा सकते हैं।

पुलिस भी लॉरेंस की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहती है सूत्रों का कहना है कि उनके पास ये इनपुट है कि कोर्ट पेशी के दौरान इसके साथी गैंगस्टर इसको फरार करवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। इसके दुश्मन गैंगस्टर भी ताक में बैठे है कि कब उन्हें मौका मिले और वो इसके ऊपर हमला कर दें। यही कारण है कि कोर्ट मे पेशी के दौरान इसको बुलेट प्रूफ गाड़ी में ले जाते हैं और दर्जनों जवान इसके आगे पीछे चलते है।