- IIT मद्रास में छात्रा के सुसाइड मामले की जांच करेगी क्राइम ब्रांच
- मृतका के मोबाइल फोन में मिले सुसाइड नोट से मामले में आया नया मोड़
- संस्थान के छात्रों ने मृतका के लिए न्याय की मांग करते हुए निकाला शांति मार्च
- सुसाइड नोट में मृतका ने अपने प्रोफेसर पर लगाया है हैरासमेंट का आरोप
चेन्नई : आईआईटी मद्रास के होस्टल में फंदे से लटककर सुसाइड करने वाली 19 वर्षीया छात्रा के परिजनों ने पुलिस से इस मामले में जांच की मांग की है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए चेन्नई पुलिस ने गुरुवार को कहा कि इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच के द्वारा की जाएगी। इसी बीच आईआईटी मद्रास के छात्रों ने इस घटना के विरोध में शांति मार्च निकाला और कहा कि वे पुलिस की जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे।
विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने आईआईटी मद्रास प्रबंधन से मांग की है वे तत्काल रुप से संस्थान के हर विभाग में एक शिकायत कमिटी का गठन करे और एक काउंसलर को अप्वाइंट करे। मृतका की पहचान फातिमा लतीफ के तौर पर हुई है जिसने शनिवार को कथित तौर पर सुसाइड कर लिया था।
परिजनों ने फातिमा के मोबाइल फोन पर उसका सुसाइड नोट बरामद किया था जिसमें उसने दावा किया था कि उसका एक प्रोफेसर लगातार उसे हैरास कर रहा है। इधर बुधवार से ही संस्थान के छात्र परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे वहीं गुरुवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने 'जस्टिस फॉर फातिमा' के बैनर से विशाल स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
चेन्नई पुलिस का कहना है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पहले तो इसे एक सामान्य सुसाइड केस के तौर पर लिया जा रहा था लेकिन जब सुसाइड नोट के बारे में पता चला तो मामले ने एक नया मोड़ ले लिया। मृतका के परिजनों ने सीएम पीनाराई वियजन से भी मुलाकात की।
बताया जाता है कि फातिमा ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम में अंडरग्रेजुएट कोर्स के पहले वर्ष की छात्रा थी। तीन बहनों में सबसे छोटी फातिमा की सुसाइड की खबर ने पूरे परिवार को हिलाकर रख दिया है। उसके माता-पिता ने बताया कि फातिमा ने आईआईटी के प्रवेश परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया में फर्स्ट रैंक लेकर आई थी जिसके बाद इसी साल जुलाई में चेन्नई में उसे एडमिशन मिला था।