- नोएडा में साइबर क्राइम का एक सनसनीखेज मामला आया सामने
- इंस्टाग्राम पर शेयर हुई महिला की फोटो का सेक्स ट्रेड के लिए हो रहा था इस्तेमाल
- व्हाट्स ऐप के जरिए वायरल हो रही थी महिला की फोटो
नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में एक आईटी कंपनी में काम करने वाली महिला ने आरोप लगाया है कि उसकी कुछ तस्वीरें जो उसने हाल ही में इंस्टाग्राम पर पोस्ट की थीं, उनका इस्तेमाल सेक्स ट्रेड का एक गिरोह कर रहा था। महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि गिरोह फेसबुक और व्हाट्सएप पर उसकी तस्वीरें प्रसारित कर रहा था और सेक्सुअल फेवर के बदले में 4,000-15,000 रुपये की मांग कर रहा था। आरोपी, 40 वर्षीय महिला ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाए और व्हाट्सएप नंबर के साथ महिला तस्वीरें अपलोड कीं। हालाँकि ये तस्वीरें शिकायतकर्ता महिला की थीं, लेकिन वहां उसका नाम कुछ और था।
ऐसे हुआ खुलासा
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, आईटी कंपनी में काम करने वाली महिला ने ने कहा कि उसे पिछले महीने इस रैकेट के बारे में उस समय पता चला जब उसके कुछ दोस्तों ने उसके साथ तस्वीरें साझा कीं जो लगातार सर्कुलेट हो रही थी। पीड़ित दो बच्चों की मां ने बताया, 'वह सितंबर का महीना था। मेरे कुछ दोस्त सेक्सुअल फेवर की पेशकश करती हुई मेरी तस्वीरों को देखकर चौंक गए। ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी उसमें मौजूद था। इन अकाउंट पिछले महीने ही बनाया गया था। हालाँकि फोटो मेरे थे, उन पर नाम अलग था।'
इस तरह फोटो हो रही थी शेयर
महिला ने अपने दोस्तों से व्हाट्सएप नंबर डायल करने और संभावित ग्राहक बनने को कहा। कॉल रिसीव करने वाले एक शख्स ने सहमति जताते हुए कहा कि जो फोटो आपको मिली हैं वह उन महिलाओं की व्यवस्था कर सकता है। जब इसे लेकर पैसे के बारे में पूछा गया तो कॉल रिसीव करने वाले शख्स ने कहा कि एक ग्राहक को अग्रिम भुगतान के रूप में 3,000 रुपये, मिलने के लिए 2,000 रुपये और "एक घंटे" के लिए 5,000 रुपये का भुगतान करना होगा। पूरी रात के लिए, उस गिरोह ने 7,000 रुपये एडवांस के साथ 15,000 रुपये का शुल्क लेने की बात कही।
व्हाट्स एप कॉल से होता था बिजनेस
उस शख्स ने आईटी कंपनी में काम करने वाली इस पीड़ित महिला की कई तस्वीरें महिला के मित्र को भेजी और दावा किया कि वह अपने पति से अलग हो गई है। ये सभी तस्वीरें उसके इंस्टाग्राम अकाउंट से ली गई थीं। आरोपी ने चंडीगढ़ से होने का दावा किया, और भुगतान करने के लिए कोटक महिंद्रा बैंक खाता संख्या - 8011235503 - प्रदान किया। IFSC कोड से पता चला कि बैंक खाता नोएडा में खोला गया था। गिरोह ने कभी सामान्य कॉल नहीं लिया, लेकिन हमेशा व्हाट्सएप के माध्यम से बात करने पर जोर दिया। दरअसल व्हाट्सएप पर कॉल रिकॉर्ड या ट्रैक नहीं किया जा सकता है।
एफआईआर अभी तक दर्ज नहीं
तकनीकी विशेषज्ञ ने तब सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन का दौरा किया और शिकायत दर्ज की, जिसे बाद में साइबर सेल को भेज दिया गया। महिला ने बताया, 'वहां के अधिकारियों ने मुझे बताया कि वे मेरी शिकायत साइबर सेल को भेज देंगे और वहां से, शिकायत को आगे ले जाने और एकाउंट्स ब्लॉक करने में लगभग 15 दिन लगेंगे। अब तक, कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।' महिला ने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिएक्टिवेट कर दिया है। अतिरिक्त डीसीपी (मध्य नोएडा) अंकुर अग्रवाल, जो साइबर अपराध जांच के मुखिया हैं, उन्होंने बताया कि जल्द ही आईटी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।