- पुलिस महकमे के भेदिये ही दी थी विकास को हर मूवमेंट की जानकारी
- जांच में जुटी पुलिस कर रही है हर एंगल से जांच, एक दारोगा पर भी नजर
- गुरुवार रात हुए एक वारदात में विकास दुबे के गैंग के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए थे 8 पुलिसकर्मी
कानपुर: हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गैंग के सदस्यों द्वारा जिस तरह से सुनियोजित तरीके से पुलिस वालों की हत्या की गई उससे पुलिस विभाग की गोपनीयतता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। एक सवाल जो सबसे पहले मन में आता है वो ये है कि आखिर कैसे विकास दुबे के पास पुलिस के हर मूवमेंट की खबर थी? इस बात के पूरे आसार हैं कि विकास का मुखबिर पुलिस महकमे में ही मौजूद था।
पुलिस में ही मौजूद है गैंगस्टर का 'खबरी'!
ज्यों ज्यों इस खौफनाक वारदात की जांच आगे बढ़ रही है इसमें कई खुलासे हो रहे हैं। खबर के मुताबिक विकास दुबे की जो कॉल डिटेल्स पुलिस के हाथ लगी है वो हैरान करने वाली है क्योंकि इसमें कई पुलिसवालों के भी नंबर हैं। वारदात से कुछ समय पहले ही विकास दुबे ने एक दारोगा से भी बात की थी। दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, अधिकारियों को आशंका है कि महकमे के ही किसी शख्स ने विकास को पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी दी थी।
दारोगा और सिपाही पर नजर
खबर के मुताबिक शक के आधार पर एक थाने के दारोगा, सिपाही और होमगार्ड की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही है और रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। हमलावरों के पास पुलिस के आने से पहले ही सूचना मिल गई थी जिसके बाद रास्ता रोकने के लिए जेसीबी लगा दी गई थी। जेसीबी को इस तरह से लगाया गया था कि अगर पुलिसवाले पैदल चलें तो वो हमलावरों के हथियारों की रेंज में आ जाएं और हुआ भी ऐसा ही।
शूटर गैंग को विशेष रूप से बुलाया था
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक विकास दुबे ने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए विशेष रूप से शूटर गैंग को बुलाया था जिसने निशाना साधकर फायरिंग की। पुलिस ने इस मामले में 500 मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए गए हैं। पुलिस हत्यारों को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है और जिले की सारी सीमाएं सील की गई हैं।