- मध्य प्रदेश के बेतुल में जज और उनके बेटे की फूड प्वाइजनिंग से मौत
- पुलिस को जज की पत्नी पर है शक, कर रही है तलाश
- दोनों को गंभीर हालत में नागपुर अस्पताल में भर्ती किया गया था
नई दिल्ली : मध्य प्रदेश में डिस्ट्रिक्ट जज और उनके बेटे की फूड प्वाइजनिंग के कारण मौत का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के बेतुल में तैनात एडिशनल डिस्ट्रिक्ट और सेशन जज (एडीजे) और उनके 33 वर्षीय बेटे की संदिग्ध तौर पर फूड प्वाइजनिंग से मौत हो गई है।
56 वर्षीय महेंद्र कुमार त्रिपाठी की नागपुर में एक प्राइवेट अस्पताल में रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई जबकि उनके 33 वर्षीय बेटे अभियानराज त्रिपाठी को शनिवार रात को उसी अस्पताल ने मृत घोषित कर दिया था। उन दोनों को बेतुल के एक हॉस्पीटल से शनिवार शाम को ही रेफर किया गया था।
पुलिस को पहली दफा ये मामला फूड प्वाइजनिंग का लग रहा है लेकिन पुलिस अन्य एंगल की भी तलाश कर रही है। पुलिस इसके पीछे किसी की साजिश का पता लगाने की कोशिश कर रही हगै कि किसी ने उनके खाने में जहर तो नहीं मिला दिया था।
बेतुल एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि हमने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। एडिशनल एसपी श्रद्धा जोशी ने बताया कि त्रिपाठी और उनके दो बेटे अभियानराज और सोनू ने 21 जुलाई को रात में रोटियां खाई थी जबकि उनकी पत्नी ने सिर्फ अपने लिए चावल लिए थे रोटियां नहीं ली थी। उसी दिन शाम को उन तीनों को स्नैक्स भी खाने को दिए गए थे जो पत्नी ने खुद नहीं खाए थे।
22 जुलाई की शाम को त्रिपाठी और उनके बेटों ने पेट दर्द और डायरिया की शिकायत की। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां 23 जुलाई को भी उनकी हालत और खराब हो गई। उन्हें बेतुल के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके छोटे बेटे 24 वर्षीय सोनू को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई लेकिन त्रिपाठी और अभियानराज दोनों अस्पताल में ही रहे। जब उनकी हालत और खराब हो गई तो उन्हें नागपुर के अस्पताल में रेफर कर दिया गया जहां पर उन दोनों ने दम तोड़ दिया।
बेतुल में उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने बताया कि उन तीनों ने शायद कुछ जहरीला पदार्थ खाया था जिसके बाद उनकी हालत खराब हो गई थी। पुलिस ने घर से घर से आटा बरामद कर उन्हें फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इसके अलावा पुलिस त्रिपाठी की पत्नी को भी तलाश करने की कोशिश कर रही है।