- पुरुष नर्स और उसकी डॉक्टर गर्लफ्रेंड एक साथ एक ही अस्पताल में करते थे काम
- शख्स को महसूस हुआ गर्लफ्रेंड से इंफेक्सन का खतरा
- महिला मित्र को उतार दिया मौत के घाट, कबूल किया गुनाह
नई दिल्ली: एक पुरुष नर्स ने कथित तौर पर अपने डॉक्टर साथी की इसलिए गला दबाकर हत्या कर दी क्योंकि उसे लगा कि उसे अपने पार्टनर के जरिए कोरोनो वायरस का संक्रमण हो गया है। 28 वर्षीय एंटोनियो डी पेस ने खुद पुलिस को बुलाया और यह बात स्वीकार की कि उसने प्रेमिका लोरेना क्वार्टाना की हत्या कर दी है। इस जोड़ी ने मेसिना, सिसिली के एक अस्पताल में साम में काम किया है और महामारी से लड़ाई के दौरान इलाज की प्रक्रिया का हिस्सा थे।
पुलिस ने डी पेस के साथ अपार्टमेंट में रहने वाली 27 वर्षीय नव-योग्य डॉक्टर को मरा हुआ पाया। साथ ही पुरुष नर्स ने अपने आप को भी चोट पहुंचाई थी। पैरामेडिक्स और अस्पताल के कर्मचारियों ने जान जाने से पहले उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचा दिया। आरोपी ने कथित तौर पर कबूल किया, 'मैंने उसे मार डाला क्योंकि उसने मुझे कोरोनो वायरस दिया था।'
(Photo- Facebook)
हालांकि, शुरुआती संकेत बताते हैं कि दोनों में से कोई भी COVID -19 से संक्रमित नहीं था। दुखद मौत से पहले, लोरेना ने एक रिपोर्ट साझा की थी जिसमें बताया गया था कि 12,000 से अधिक डॉक्टरों की मौत हो गई थी और उन्होंने इस रिपोर्ट को अस्वीकार्य कहा था।
महिला डॉक्टर ने कहा था, 'हमें जिंदगी के लिए पहले से कहीं अधिक जिम्मेदारी और प्यार का प्रदर्शन करना होगा। आपको अपने, अपने परिवार और देश के लिए सम्मान दिखाना चाहिए।' आपको उन लोगों के बारे में सोचना और याद रखना चाहिए जो अपने जीवन को बीमारों की देखभाल के लिए समर्पित करते हैं।
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इस बीच, पिछले महीने डी पेस ने डॉक्टर को एक पोस्ट में योग्यता प्राप्त करने के लिए बधाई दी थी। इस पोस्ट में लिखा था, 'हमारे सपनों तक पहुंचने के लिए आपको दृढ़ संकल्प के साथ कड़ी मेहनत करनी होगी और आप इसका सबूत हैं। आप अपने सपनों का पीछा करते रहें, हमेशा वैसा ही जीवन जीते रहें जिसकी आपने हमेशा कल्पना की थी। आपके शानदार स्नातक डॉक्टर बनने के लिए बधाई।' किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इतना प्यारा संदेश लिखने के बाद शख्स अपनी गर्लफ्रेंड के लिए ऐसा कदम उठा लेगा।
बता दें कि इटली दुनिया में कोरोना वायरस के सबसे बड़े केंद्र में से एक बना हुआ है। यहां चीन से भी ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। देश की सभी आधुनिक मेडिकल सुविधाएं इस वायरस के आगे फीकी नजर आ रही हैं।