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Mob Lynching: महाराष्ट्र में मॉब लिंचिंग, चोरी के शक में तीन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर की हत्या

Updated Apr 18, 2020 | 09:34 IST

Mob Lynching in Maharashtra: महाराष्ट्र के पालघर जिले में ग्रामीणों के एक समूह ने चोर होने के शक में तीन लोगों पीट-पीटकर हत्या (Murder) कर दी है।

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महाराष्ट्र: चोरी के शक में तीन लोगों की मॉब लिंचिंग
मुख्य बातें
  • ग्रामीणों ने चोर होने के संदेह में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या की
  • मॉब लिंचिंग की इस घटना के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिए 100 लोग
  • हमलावरों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा, पुलिस वाहन में भी की पीड़ितों की पिटाई

मुंबई: महाराष्ट्र के पालघर में मॉब लिंचिंग का एक बड़ा मामला सामने आया है जहां चोरी के शक में तीन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी। मामला पालघर के गडचिनचले गांव का है जहां तीन लोग सुशील गिरि महाराज,, जयेश और नरेश येलगडे एक वैन में बैठ कर सूरत में किसी शख्स के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। इन तीनों में से ही एक शख्स कार चला रहा था।

सैकड़ों ग्रामीणों ने किया हमला

 पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 200 से अधिक ग्रामीणों ने तीनों को चोर समझकर रोक लिया। उन्होंने शुरूआत में तो उन पर पथराव किया और एक बार जब वाहन रुका, तो तीनों को बाहर निकाला गया और लाठी-डंडों से जमकर पीटा। इसी दौरान ड्राइवर ने पुलिस को कॉल भी किया कि उनके वाहन पर हमला किया जा रहा है और ग्रामीण उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे थे। जल्द ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंच गई।

पुलिस वाहन पर भी हमला

 पुलिस टीम के पहुंचने पर भी ग्रामीण नहीं रूके, यहां तक कि उन्होंने पुलिस के वाहनों पर भी हमला कर दिया। खबरों के मुताबिक इस हमले में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए हैं। पालघर के कलेक्टर कैलाश शिंदे ने बताया, 'जिन तीन लोगों की भीड़ ने पिटाई की उन्हें अस्पताल लाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मामले में लगभग 110 गांवों वालों को पूछताछ के लिए पुलिस थाने में लाया गया है और आगे की जांच जारी है।'

गुरुवार रात की है घटना

यह घटना ऐसे समय में हुई जब कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। घटना की जानकारी मिलने पर शुरुआत में पहुंचे पुलिसकर्मी पीड़ितों को बचा नहीं सके क्योंकि हमलावरों की संख्या बहुत अधिक थी और भीड़ ने पुलिस वाहन में भी पीड़ितों की पिटाई की। कासा पुलिस स्टेशन के निरीक्षक आनंदराव काले ने बताया कि यह वीभत्स घटना गुरुवार को रात में 9.30 से 10 बजे के बीच हुई।

आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा -302 (हत्या) सहित अन्य धाराओं जैसे सशस्त्र दंगा करना, धारा-188 (लोकसेवक के आदेश की आवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।