- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार संजय बारु के साथ ठगी
- ऑनलाइन शराब मंगाने के नाम पर किया गया 24 हजार रुपयों का फ्रॉड
- पुलिस ने ऑनलाइन ठगी मामले में एक युवक को दबोचा है
नयी दिल्ली: राजनीतिक टिप्पणीकार और नीति विश्लेषक संजय बारू (Sanjay Baru) से शराब की ऑनलाइन डिलिवरी कराने के बहाने 24 हजार रुपये की ठगी करने के आरोप में पुलिस ने 31 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया है। बारू पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ( Manmohan Singh) के मीडिया सलाहकार रह चुके हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी का नाम आकिब जावेद है और राजस्थान के भरतपुर जिले के कमान कस्बे का रहने वाला है,आरोपी को उसके पैतृक स्थान से गिरफ्तार किया गया।
जावेद टैक्सी चालक के तौर पर काम करता है लेकिन आसानी से पैसा कमाने के इरादे से साइबर अपराध के क्षेत्र में दाखिल हुआ। उन्होंने बताया कि फरार उसके साथियों को भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।पुलिस के मुताबिक आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडान में करीब 100 लोगों से धोखाधड़ी करने का जुर्म कबूल किया है।
पुलिस ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी दो जून को तब हुई जब बारू ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। बारू ने अपनी शिकायत में बताया कि ऑनलाइन शराब खरीदने के लिए वह दुकान की तलाश कर रहे थे तभी उन्हें ‘ ला केव वाइन्स ऐंड स्प्रिट’ की दुकान मिली। उन्होंने जब संपर्क किया तो पहले ऑनलाइन भुगतान करने को कहा गया। पुलिस को बारू ने बताया कि जब उन्होंने 24 हजार रुपये का भुगतान किया तब व्यक्ति ने अपना फोन बंद कर दिया। पुलिस उपायुक्त (साउथ) ने बताया कि हौजखास पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
संजय बारू ने 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर (The Accidental Prime Minister)' किताब लिखी है जिसपर फिल्म भी बनी थी। 2014 में द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर किताब प्रकाशित कर सियासी भूचाल लाने वाले संजय बारू कई मीडिया संस्थानों में अहम पदों पर रहे हैं उनके पिता बीपीआर विठल मनमोहन सिंह संग काम कर चुके थे।
द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर: द मैकिंग एंड अनमैकिंग ऑफ मनमोहन सिंह
भारतीय नीति विश्लेषक संजय बारू का एक संस्मरण है। वे 2004 से अगस्त 2008 तक तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे। पेंगुइन इंडिया द्वारा प्रकाशित इस किताब में आरोप लगाया गया कि अपने कैबिनेट या यहां तक कि प्रधान मंत्री कार्यालय (PMO) तक सिंह के नियंत्रण में भी नहीं थे। बजाय उनके कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी के पास अत्याधिक शक्ति थी, सिंह उनके सहायक थे। 'सत्ता के दो केंद्र नहीं हो सकते', बारू याद करते है, सिंह ने उन्हें समझाते हुए कहा था, 'इससे भ्रम पैदा होता है।'