Indore : इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्रों ने अपने सीनियर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इन छात्रों ने यूजीसी की एंटी-रैंगिंग हेल्पलाइन पर दर्ज अपनी शिकायत में कहा है कि कॉलेज के कुछ सीनियर्स अमर्यादित एवं अश्लील आचरण एवं 'अननेचुरल सेक्स' करने के लिए उन पर दबाव बना रहे हैं। छात्रों की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। एमजीएमएमसी अधिकारियों के पत्र पर कार्रवाई करते हुए संयोगितागंज पुलिस ने रैगिंग के लिए एमबीबीएस के अनाम छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
यूजीसी की एंटी रैगिंग इकाई से शिकायत
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक जूनियर छात्रों की शिकायत के बारे में यूजीसी की एंटी रैगिंग इकाई ने एमजीएमएमएस के डीन को जानकारी दी और उन्हें इस मामले में एफआईआर कराने का निर्देश दिया। खास बात है कि अपनी शिकायत में जूनियर छात्रों ने अपनी प्रताड़ना, तस्वीरों एवं आरोपी सीनियर छात्रों के फ्लैट्स जहां उनके साथ कथित रूप से ज्यादती हुई, उसका ऑडियो क्लिप लगाया है।
पीड़िता छात्रों ने बयां किया दर्द
पीड़ित छात्रों का कहना है कि क्लास खत्म होने के बाद उन्हें सीनियर छात्रों के फ्लैट्स पर जाने के लिए कहा गया। फ्लैट्स पर देरी से पहुंचने वाले जूनियर छात्रों से उठक-बैठक कराई गई। इसके बाद उन्हें अपने साथ पढ़ने वाली महिला छात्राओं के बारे में गंदी बातें करने के लिए बाध्य किया गया। यही नहीं, जूनियर छात्रों को एक-दूसरे को थप्पड़ मारने के लिए मजबूर किया गया। एक-दूसरे को थप्पड़ मारने का सिलसिला तब तक जारी रहा जब तक सीनियर छात्र इससे संतुष्ट नहीं हो गए।
पुलिस ने डीन का बयान दर्ज किया
पीड़ित छात्रों का कहना है कि सीनियर छात्रों के फ्लैट्स पर रैगिंग पर रोक नहीं है। छात्रों का यह भी कहना है कि कॉलेज में उन्हें लाइब्रेरी अथवा कैंटीन में जाने नहीं दिया जाता। वॉटर कूलर से पानी पीने पर रोक है। यहां तक कि कुछ प्रोफेसर्स पर्सनाल्टी डेवलपमेंट के नाम पर रैगिंग का समर्थन करते हैं। एमजीएमएमसी के डीन डॉक्टर संजय दीक्षित का कहना है कि शिकायत मिलते ही एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई। समिति ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिशकी। डीन का कहना है कि पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया है और प्रथम वर्ष के छात्रों से ब्योरा मांगा है।