- शबनम ने 2007 में अपने परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी थी
- अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर हत्याकांड को दिया था अंजाम
- शबनम को मिली है फांसी की सजा, राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं दया याचिका
नई दिल्ली। शबनम को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है और उसे फांसी दी जानी है। राष्ट्रपति की तरफ से दया याचिका नामंजूर किये जाने के बाद उसकी सांसों और फांसी के फंदो के बीच की दूरी कम होती जा रही है। इन सबके बीच शबनम ने पैंतरा खेलते हुए सीबीआई से दोबारा मामले की जांत की अपील की है और इसके साथ ही उसने मौत की सजा कम करने के लिए यूपी के राज्यपाल से गुहार लगाई है।
शबनम से मिला था उसका बेटा
शबनम के 12 वर्ष के बेटे ने भी अपनी मां की सजा को कम करने की अपील की है। शबनम के बेटे के संरक्षक ने कहा कि वो रामपुर जेल में उसके बेटे के साथ मिले थे। वो बताते हैं कि शबनम ने कहा कि उसे फंसाया गया है। रामपुर जेल में उसके बेटे ने करीब 45 मिनट तक मुलाकात की थी। बेटे के संरक्षक ने कहा कि पहली बार वो शबनम से मिले हैं और जानने की कोशिश की आखिर 2007 में क्या हुआ था।
2007 में हत्याकांड को दिया था अंजाम
बता दें कि शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। जिस समय उसने अपराध को अंजाम दिया वो प्रेग्नेंट थी। 2008 में मुरादाबाद जिले में एक बच्चे को जन्म दिया था। पुलिस के मुताबिक डबल एमए पास शबनम गांव के ही स्कूल में पढ़ाती थी। उसी दौरान उसकी आठवीं पास सलीम से दोस्ती हुई। धीरे धीरे दोस्ती प्यार में बदली। शबनम ने अपने परिवार से उसके साथ निकाह करने की बात कही तो परिवार आग बबूला हो गया।