Sidhu Moosewala murder case : सिद्धू मुसेवाला की हत्या का मास्टर माइंड सचिन विश्नोई को फर्जी पासपोर्ट मुहैया कराने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। टाइम्स नाउ नवभारत ने सबसे पहले दिखाया था कि कैसे सचिन विश्नोई संगम विहार के पते पर फर्जी पासपोर्ट पर भारत से फरार हुआ था। सिद्धू मुसेवाला की हत्या की पूरी प्लानिंग करने वाले लॉरेन्स बिश्नोई के बेहद करीबी गैंगस्टर्स, शूटर्स अरेंज करने वाले, लॉजिस्टिक प्रोवाइड कराने वाले हत्या से पहले ही फर्जी पासपोर्ट के जरिए देश छोड़कर फरार हो गए थे। सिद्दू मुसेवाला हत्याकांड पर अब तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। सिद्दू की हत्या से पहले तिहाड़ जेल में बंद लारेंस बिश्नोई ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई और अपने भांजे सचिन बिश्नोई को इंडिया से फर्जी पासपोर्ट के जरिए फरार करवा दिया था।
ये फर्जी पासपोर्ट दिल्ली रीजनल पासपोर्ट दफ्तर से बना था लारेंस के भाई अनमोल और सचिन का फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गैंग का साउथ दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश किया है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे सिद्दधु मुसेवाला की हत्या की प्लानिंग करने वाले मुख्य गैंगस्टर्स का फर्जी पासपोर्ट कैसे बना जिसके जरिए वो देश छोड़कर फरार हो गए। हमारे पास मौजूद है गैंगस्टर सचिन विश्नोई के फर्जी पासपोर्ट की Exclusive तस्वीर भी मौजूद है।
इस फर्जी पासपोर्ट में बकायदा देख सकते हैं। सचिन विश्नोई का नकली नाम तिलक राज टुटेजा लिखा गया है। फर्जी पिता नाम भीम सिंह हाउस नंबर 330 ब्लॉक F3 संगम विहार नई दिल्ली 110062 लिखा गया है। 21 अप्रैल तक भारत मे था सचिन विश्नोई, फिलहाल दुबई में मौजूद है सचिन विश्नोई।
जबकि जोधपुर जेल से बाहर आने के बाद लारेंस ने अपने भाई अनमोल का पासपोर्ट भानु प्रताप के नाम से बनवाया और एड्रेस दिया था फरीदाबाद हरियाणा का लारेंस बिश्नोई ने पूछताछ में ये खुलासा किया था। जिसके बाद पंजाब पुलिस ने पासपोर्ट एक्ट में FIR भी दर्ज की हुई है।
आखिर सिद्धू मुसेवाला की साजिश रचने वाले अनमोल और सचिन का फर्जी पासपोर्ट कैसे बना?
29 मई को सिद्दधु मुसेवाला की हत्या हुई जिसकी पूरी साजिश लॉरेन्स बिश्नोई के कहने पर उसके भाई अनमोल और भांजे सचिन बिश्नोई ने पूरी साजिश रची थी, इन्होंने शूटर्स अरेंज करे फिर फर्जी पासपोर्ट से भाग गए। साउथ डिस्ट्रिक्ट के स्पेशल स्टाफ ने पांच आरोपी राहुल सरकार, नवनीत प्रजापति, अर्जित कुमार उर्फ महेश उर्फ सिद्दधु पाजी, सोमनाथ प्रजापति और एक महिला को फर्जी पासपोर्ट बनवाने के आरोप में गिरफ्तार किया है इनके पास से 1 पिस्टल, चार लैपटॉप, 4 मोबाइल फोन, डोंगल,आधार कार्ड, एक मर्सिटीज और एक दूसरी कार बरामद हुई है।
ये फर्जी पासपोर्ट दिल्ली में बना था, साउथ डिस्ट्रिक्ट के स्पेशल स्टाफ ने पता करा कि संगम विहार इलाके में पासपोर्ट बनाया गया। राहुल सरकार नाम का एक शख्स जो संगम विहार का रहने वाला है और आधार कार्ड, पासपोर्ट बनवाने में माहिर है इसने डेढ़ लाख रुपए लेकर सचिन थापन का पासपोर्ट तिलक राज टुटेजा के नाम से बनवाया जिसमे सारी डिटेल्स फोटो सब सचिन के थे लेकिन फोटो लगी थी तिलक राज टुटेजा की।
राहुल सरकार नाम का एक शख्स जो फर्जी आधार कार्ड बनाने में माहिर है वो तिलक रॉज टुटेजा नाम के शख्स के यहां रेंट पर संगम विहार में रहता था राहुल ने तिलक रॉज के बिजली बिल का इस्तेमाल करके पहले फर्जी आधार कार्ड और फिर गैंगस्टर्स का फर्जी पासपोर्ट बनवाया।
सोमन्नाथ प्रजापति और नवनीत प्रजापति ने सचिन और अनमोल का फर्जी आधार कार्ड बनवाने में मदद की, नवनीत का अपना आधार सेंटर है। इन्होंने राहुल सरकार को फर्जी आधार कार्ड बनाने में मदद की। इसके लिए 15000 रुपए दिए सोमनाथ और नवनीत को फर्जी आधार कार्ड बनाने को कहा जिंसमे फोटो सचिन की और नाम तिलक का था।
इसके बाद पासपोर्ट के लिए एलपाई किया और पासपोर्ट दफ्तर से 30 जून की तारीख मिली, सचिन ने पासपोर्ट दफ्तर में जाकर उसने अपने फिंगर प्रिंट दिए लेकिन नाम था तिलक रॉज का, वेरिफिकेशन के लिए जब भी इंस्पेक्टर का क्युल जाता वो कहता है कि बाहर है लेकिन तत्काल बनवाने की वजह से कुछ ही दिन में पासपोर्ट जारी कर दिया गया और दोनों विदेश भाग गए।
ये पासपोर्ट बना और बनने के बाद और चौथे आरोपी सिद्धू पाजी के नाम से मशहूर एक आरोपी को हैंडओवर किया लेकिन ये आरोपी फरार हो गया, सिद्धू पाजी की तलाश हुई, रानीबाग से वो फरार हुए और अमृतसर से सिद्धू पाजी जिसका नाम महेश है और कई नाम है ये क्रिमिनल है इसपर कई मुकदमे दर्ज है।
सिद्धू पाजी 55 साल का है और मर्सिटीज से चलता है, ये अमृतसर में सी क्लास गोल्डन कलर मर्सिटीज से चलता था, येहाईफाई क्रिमिनल है। इसने राहुल सरकार को ढूढ़कर ये फेक पासपोर्ट बनवाए जिनका इस्तेमाल करके लॉरेन्स का भाई अनमोल और भांजा सचिन बिश्नोई विदेश फरार हो गए। सचिन अभी दुबई में छिपा बैठा है और अनमोल यूरोप ।के छिपा हुआ है।
अब सवाल ये कि दिल्ली के पासपोर्ट दफ्तर से इतनी बड़ी गलती कैसे हो सकती है कि किसी और का नाम, किसी और कि फोटो के नाम से पासपोर्ट जारी हो जाए और इसमे अंदर का कोई शख्स शामिल न हो। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ के साथ पासपोर्ट दफ्तर के लोगो से भी पूछताछ कर सकती है।