- केस वापस लेने के लिए पड़ोसी को झूठे केस में फंसाना चाहता था आरोपी
- दोस्तों को फिल्म 'दृश्यम' दिखाई, फिर सबने मिलकर तैयार किया हमले का प्लान
- पूछताछ में पुलिस ने असलियत का पता लगाया, आरोपी का इलाज हो रहा है
नई दिल्ली : अपराध से बचने के लिए कोई अपराधी लाख जतन करे लेकिन वह अपने गुनाह का निशान कहीं न कहीं छोड़ ही जाता है। कानून से बचने और पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए अपराधी फिल्मी तौर-तरीके आजमाने से भी नहीं चूकते। नॉर्थ दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में भी एक ऐसी घटना सामने आई है जहां एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी को फंसाने के लिए फिल्म 'दृश्यम' के हथकंडे अपनाए। हालांकि, वह पुलिस से बच नहीं सका।
जमानत पर रिहा हुआ है अमर पाल
रिपोर्टों के अनुसार पुलिस का कहना है कि मजनू का टीला निवासी अमर पाल इस साल 29 मई को 60 दिनों की अंतरिम जमानत पर जेल से रिहा हुआ। अमर पाल पर अपने पड़ोसी ओमबीर की मां की हत्या करने का आरोप है। अमर पर आरोप है कि उनसे साल 2019 में अपने दोस्तों के साथ मिलकर ओमबीर की मां की हत्या की। इस अपराध के लिए अमर पाल और उसके दोस्त 2019 से जेल की सजा काट रहे हैं।
केस वापस लेने के लिए परिवार पर दबाव बनाया
पुलिस के मुताबिक जमानत पर बाहर आने के बाद अमर पाल केस वापस लेने के लिए ओमबीर के परिवार पर दबाव बनाने लगा लेकिन ओमबीर का परिवार जब केस लेने के लिए तैयार नहीं हुआ तो उसने अपने भाई गुड्डू एवं चचेरे भाई अनिल के साथ मिलकर ओमबीर एवं उसके परिवार को झूठे केस में फंसाने के लिए साजिश रची। अमर पाल अपने ऊपर हमले के एक झूठे केस में उन्हें फंसाना चाहता था।
साथियों से फिल्म 'दृश्यम' देखने के लिए कहा
पुलिस का कहना है कि अमर पाल ने अपने भाई और चेचेरे भाई को फिल्म 'दृश्यम' देखने के लिए कहा। फिल्म के अनुसार सब ने मिलकर वैसा ही दृश्य तैयार करने का फैसला किया। अमर पाल ने हमले की कहानी सच साबित करने के लिए प्रत्यक्षदर्शी भी तैयार किए। अपनी साजिश के अनुरूप अमर पाल ने इलाके के लोगों को यकीं दिलाने लगा कि ओमबीर का परिवार उसे धमका रहा है। अमरपाल ने लोगों को बताया कि ओमबीर उससे बदला लेना चाहता है। पुलिस का कहना है कि अपने ऊपर हमले को अंजाम देने के लिए अमर पाल ने देसी कट्टे एवं जिंदा कारतूसों की व्यवस्था की। कारतूसों में पैलेट्स भरे गए ताकि वे जानलेवा साबित न हों।
29 जून को कथित हमला किया
अमरपाल में हमला करने में अनिल नाम के एक लड़के को भी शामिल किया गया। यह तय हुआ था कि अमर पाल पर गोली अनिल चलाएगा। सभी आरोपी अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए 29 जून को नॉर्थ दिल्ली के खैबर पास पहुंचे। यहां कुछ देर तक अमर पाल घूमता रहा ताकि वहां लोग उसे देख सकें। साजिश के मुताबिक कुछ देर के बाद वहां अनिल पहुंचा और उसने अमर पाल पर गोली चला दी। गोली चलाने के बाद वह अपने अन्य साथियों के साथ फरार हो गया। घायल हालत में अमर पाल अपने एक दोस्त के घर गया और उससे बताया कि ओमबीर एवं उसके परिवार ने उस पर हमला किया।
पूछताछ में असलियत सामने आ गई
मामले की जांच के लिए डीसीपी नॉर्थ ने एक टीम बनाई। गत 2 जुलाई को पूछताछ के दौरान पुलिस ने पाया कि अमर पाल का परिवार घटना का अलग-अलग बयान दे रहा है। बाद में मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस ने अनिल को दबोच लिया। अमर पाल से जिस पिस्टल से हमला हुआ था पुलिस ने उसे बरामद कर लिया है। अमर पाल का अभी इलाज चल रहा है। पुलिस का कहना है कि वह अन्य आरोपियों को भी जल्द पकड़ लेगी।