- एनकाउंटर में मारा गया हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे
- उज्जैन से कानपुर लाते वक्त कार पलटी थी
- इसी दौरान विकास ने की थी भागने की कोशिश
पांच लाख के इनामी और आठ पुलिसकर्मियों की बर्बरता से हत्या करने के आरोपी विकास दुबे को शुक्रवार सुबह उज्जैन से कानपुर लाया गया था। इस दौरान तेज रफतार के कारण वह गाड़ी पलट गई जिसमें विकास दुबे और एसटीएफ के जवान मौजूद थे। इस दौरान विकास दुबे के सिर में चोट आई और उसने पुलिस की पिस्टल छीन भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे एनकाउंटर में खत्म कर दिया गया।
दुर्दांत अपराधी पर की गई यूपी पुलिस की इस कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर योगी की जय जयकार के कमेंट आने शुरू हो गए। ट्विटर से लेकर फेसबुक तक लोग इस कार्रवाई से बेहद खुश नजर आए। कुछ यूजर्स ने इसे सच्चा न्याया बताया तो कुछ यूजर्स ने इसे गुंडागर्दी के विकास का अंत बताया।
एक यूजर ने लिखा- गुंडागर्दी वाला विकास अब खत्म हुआ। वहीं एक यूजर ने इसे कर्म का फल बताते हुए योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा- आखिकार विकास का अंत हुआ। तो एक अन्य यूजर ने इस खबर को सुबह की सबसे सुखद खबर बताया।
एक यूजर ने लिखा कि विकास दुबे ने कहा था- मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला। तो वहीं उसने लिखा- "मैं योगी आदित्यनाथ हूं गोरखपुर वाला" । एक यूजर ने लिखा- विकास दुबे कानपुर वाला ढेर।
गौरतलब है कि यूपी के कानपुर में डीएसपी समेत 8 पुलिसकर्मी की हत्या के आरोपी और कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया था। मध्य प्रदेश सरकार ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि दुबे उज्जैन में राज्य पुलिस की हिरासत में है, विकास दुबे पर पांच लाख रुपए का इनाम था, कानपुर की इस वारदात के आठ दिनों बाद दुबे की गिरफ्तारी हुई।