- गुरुवार को उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तार हुआ विकास दुबे
- यूपी एटीएस की टीम विकास को उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी
- कानपुर पहुंचने पर एटीएस के काफिले में शामिल एक वाहन पलट गया
कानपुर : बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गुरुवार को विकास को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद यूपी पुलिस की एटीएस उसे लेकर सड़क मार्ग से कानपुर आ रही थी। शुक्रवार सुबह एटीएस का यह काफिला जब कानपुर पहुंचा तो भारी बारिश की वजह से पुलिस टीम के काफिले का एक वाहन पलट गया।
घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम पहुंची
इस गाड़ी में अन्य पुलिसकर्मियों के साथ विकास भी था। कानपुर क्षेत्र में जहां एटीएस की कार पलटी उसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि एटीएस का काफिला सड़क के बीच वाली लेन में चल रहा था ऐसे में वह पलट कर सड़क के किनारे कैसे आ गया, इसे लेकर कई लोग संदेह जता रहे हैं। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम पहुंच गई है और वह साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश में है। घटनास्थल की तस्वीरें ली गई हैं।
पुलिस का दावा-आत्मरक्षा में चलाई गोलियां
इस एनकाउंटर पर कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा कि आज की घटना में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। मुठभेड़ में विकास दुबे मारा गया। जबकि कानपुर पश्चिम के पुलिस अधीक्षक घायल अवस्था में विकास को कानपुर के एलएलआर अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि कार पलटने के बाद विकास घायल पुलिसकर्मी का हथियार छीनकर भागने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, पुलिस की इस थियरी पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं। विकास के एनकाउंटर पर विपक्ष के नेता सवाल उठाने लगे हैं।
विपक्ष ने यूपी सरकार पर उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अपने एक ट्वीट में कहा कि 'दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है'। इसके पहले अखिलेश ने गुरुवार को सरकार से पूछा कि विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया है या उसने सरेंडर किया है। इस बारे में सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस नेता दिग्विजिय सिंह ने भी इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। सिंह ने कहा कि 'यह तो होना ही था।' टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं।