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स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी सचिव, उसके 4 साथी UP ATS के चढ़े हत्थे, नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी

Updated Apr 21, 2022 | 15:08 IST

Swami Prasad Maurya : एटीएस ने इनके पास से सात मोबाइल फोन, 57 हस्ताक्षरित चेक, पांच फर्जी आईडी कार्ड्स, 22 फर्जी नियुक्ति पत्र, लखनऊ सचिवालय का एंट्री पास, 14 लोगों के अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र, एक एसयूवी बरामद किए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
निजी सचिव पर बेरोजगार युवकों को ठगने का आरोप।
मुख्य बातें
  • बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर करते थे ठगी
  • यूपी एटीएस ने निजी सचिव, उसके 4 साथियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया
  • आरोपियों के पास से मोबाइल फोन, फर्जी आईडी कार्ड्स बरामद हुए हैं

Swami Prasad Maurya: यूपी चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव पर बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए ठगने का आरोप लगा है। यूपी एटीएस ने निजी सचिव और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने यह गिरफ्तारी लखनऊ से की है। यूपी सरकार के पूर्व मंत्री मौर्य के निजी सचिव का नाम अरमान खान है।

एटीएस ने बरामद किए फर्जी दस्तावेज
एटीएस ने इनके पास से सात मोबाइल फोन, 57 हस्ताक्षरित चेक, पांच फर्जी आईडी कार्ड्स, 22 फर्जी नियुक्ति पत्र, लखनऊ सचिवालय का एंट्री पास, 14 लोगों के अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र, एक एसयूवी बरामद किए हैं। एसटीएस इस धोखाधड़ी एवं ठगी के मामले में आगे की जांच कर रही है।   

चुनाव से ठीक पहले सपा में शामिल हुए मौर्य
मौर्य यूपी चुनाव से ठीक पहले सपा में शामिल होकर भाजपा को बड़ा झटका दिया था। यूपी में पिछड़ी जातियों के बड़े नेताओं में शुमार मौर्य ने दावा किया था कि यूपी चुनाव में भाजपा की हार होगी और वह दोबारा सत्ता में नहीं आएगी लेकिन मौर्य के दावों के विपरीत भाजपा ने राज्य में बड़ी जीत दर्ज की।

UP Election results 2022: फाजिलनगर से हारे स्वामी प्रसाद मौर्य, चुनाव से पहले हुए थे सपा में शामिल

फाजिलनगर सीट से चुनाव हारे मौर्य
मौर्य खुद अपना चुनाव हार गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पड़रौना सीट से बड़े अंतर से जीत दर्ज की लेकिन इस बार उन्होंने पड़रौना की जगह फाजिलनगर से चुनाव लड़ा लेकिन इस सीट पर उनकी हार हुई। भाजपा में शामिल होने से पहले मौर्य बसपा के साथ जुड़े हुए थे। बसपा में मायावती के बाद उनकी नंबर दो की हैसियत मानी जाती थी। ठगी के मामले में यूपी एटीएस मौर्य से भी पूछताछ कर सकती है।