- नदीम के पास था फिदायीन फौज बनाने का टास्क
- 30 लोगों की टीम आतंकी नदीम के संपर्क में थी
- छोटे छोटे वीडियो से फिदायीन ट्रेनिंग देता था।
सहारनपुर से गिरफ्तार जैश ए मोहम्मद के आतंकी मोहम्मद नदीम से यूपी ATS लगातार पूछताछ कर रही है और लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। अब नदीम से जुड़े आधा दर्जन संदिग्धों की धर पकड़ के लिए UP की ATS छापेमारी कर रही है। इसके अलावा नदीम जिन मदरसों में गया था वो भी ATS के रडार पर है। नदीम ने कई महत्वपूर्ण जगहों की रेकी की है जिसमें कई शहर शामिल है। नदीम यूपी के कई शहरों में स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। खुलासा ये हुआ है कि नदीम दसवीं पास है और वर्चुअल ID बनाने में माहिर है। यूपी ATS को नदीम के पास से बम बनाने से जुड़े कागजात भी मिले हैं। नदीम के पास फिदायीन फौज बनाने का टास्क था। वो तहरीक-ए-तालिबान के सैफुल्ला से सीधे संपर्क में था और ISI की यूपी में आतंकी मॉड्यूल की साजिश को अंजाम दे रहा था।
UP ATS के मुताबिक पकड़ा गया आतंकी 10वीं जमात पास है। इसे ऊर्दू इंग्लिश की जबरदस्त समझ है। आतंकवाद की तरफ रुझान यूपी के कुछ मदरसो से मिला वो मदरसे रडार पर है। आतंकी के करीब आधा दर्जन से ज्यादा संदिग्ध के सुराग हाथ लगे है यूपी ATS को जिनकी धरपकड़ के लिए रेड्स जारी है। यह आतंकी टेक्नोलॉजी की बेहतर समझ रखता है। कई महत्वपूर्ण जगहों की रेकी की है जिसमे कई शहर शामिल है। देश भर में ऐसा स्लीपर सेल तैयार करना था इस आतंकी का टास्क जिससे वो दीमक की तरह फैले और देश को नुकसान पहुंचाए। आतंकी रिक्रूटमेंट में ऐसे नौजवानों को रेडिक्लाइज कर रहा था जो बेहद पढ़े लिखे और तकनीकी तौर पर बेहद मजबूत हो।
TIMES NOW नवभारत की टीम नदीम के आतंकी लिंक की ग्राउंड जीरो से पड़ताल कर रही है। हमारे रिपोर्टर मोहित ओम सहारनपुर पहुंचे और ये एक्सक्लूसिव रिपोर्ट भेजी है। मोहित ओम उस मदरसे तक पहुंचे जहां नदीम ने तालीम हासिल की थी। मदरसे के मौलवी ने कहा कि जबतक नदीम मदरसे में था तब तक उसकी गतिविधि संदिग्ध नहीं थी। यूपी ATS का कहना है कि नदीम काफी हाईटेक आतंकी था और एप्लीकेशन के जरिए पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बात करता था हालांकि नदीम के गांव के लोगों का कहना है कि उसकी हरकतें कभी संदिग्ध नहीं थीं।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि यूपी एटीएस ने मोहम्मद नदीम को सहारनपुर से पकड़ा, जिसके जेईएम से संबंध थे। वह यूपी में कई जगहों पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था। आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वह ऑनलाइन तरीकों से पाकिस्तानी आकाओं से जुड़ा था। वह 2018 पाकिस्तान में जैश के एक सदस्य हकीमुल्लाह के साथ ऑनलाइन संपर्क में आया, जिसने उसे एक अन्य सदस्य सैफुल्ला से मिलवाया। उसने भारत से वर्चुअल आईडी बनाई और उन्हें पाक संचालकों को भेज दिया ताकि वह अपने डिजिटल पदचिह्न को छिपा सके। सैफुल्ला ने उसे आईईडी बनाने के लिए एक मैनुअल दिया। उन्हें चाकू से लोनवोल्ड हमलों के लिए भी ट्रेंड किया गया था। नदीम ने इसके लिए टारगेट निर्धारित किए। वह पाक-अफगान सीमा पर कई आकाओं के संपर्क में था, जिन्होंने उसे यहां भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित किया।