- दिल्ली विधानसभा ने आज सभी 3 कृषि कानूनों को खारिज कर दिया: केजरीवाल
- केंद्र सरकार को इन कानूनों को वापस लेना चाहिए: दिल्ली सीएम
- 20 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है: अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) ने जमकर आंदोलनकारी किसानों का समर्थन किया और 3 नए कृषि कानूनों का विरोध किया। इस दौरान आप विधायक सोमनाथ भारती और मोहिंदर गोयल ने सदन में तीनों कृषि बिलों की कॉपियों को फाड़ा। उन्होंने कहा कि हम इन काले कानूनों को स्वीकार करने से इनकार करते हैं जो किसानों के खिलाफ हैं। इसके अलावा केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विधानसभा में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया और किसानों की मांगों का समर्थन किया।
केजरीवाल ने फाड़ी कानूनों की कॉपी
बाद में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कृष कानूनों की कॉपी को सदन में फाड़ा। उन्होंने कहा, 'देश के किसानों की मांगों के साथ आम आदमी पार्टी मजबूती के साथ खड़ी है। 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। रोज एक किसान शहीद हो रहा हैं। मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता और कितनी शहादत और कितनी जान आप लोगे? हर किसान भगत सिंह बन गया है। सरकार कह रही है कि वे किसानों से बात कर रही है और कानून के लाभों को समझाने की कोशिश कर रही हैं। यूपी के सीएम ने किसानों से कहा कि वे इन कानूनों से लाभान्वित होंगे क्योंकि उनकी जमीन नहीं छीनी जाएगी। क्या यह एक लाभ है? वे कहते हैं कि किसान देशभर में कहीं भी अपनी उपज बेच सकते हैं। आज धान के लिए एमएसपी 1835 है। यह यूपी और बिहार में 950 में बेचा जा रहा है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि ये किसान एमएसपी से ज्यादा पाने के लिए अपनी उपज कहां बेचने जाएं। कृषि कानूनों को महामारी के दौरान संसद में पारित करने की क्या जल्दी थी? यह पहली बार हुआ है कि राज्यसभा में मतदान के बिना 3 कानून पारित किए गए। मैंने इस विधानसभा में 3 कानूनों को फाड़ दिया और केंद्र से अपील की है कि वह ब्रिटिशों से भी खराब न हो जाए।'
मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन को संबोधित करते हुए कहा, 'हम तीनों कानूनों का विरोध करते है और केजरीवाल सरकार किसानों के इस संघर्ष में हर प्रकार से उनके साथ खड़ी है।'
AAP ने किया किसानों का समर्थन
किसानों का समर्थन करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार के कई मंत्री और भाजपा नेता किसानों को एंटी नेशनल बोल रहे हैं। जिन सैनिक, डॉक्टर्स, खिलाडी, सिंगर ने देश का नाम रोशन किया क्या वो एंटी नेशनल है? मैं भाजपा नेताओं से कहना चाहता हूं इस देश के किसानों को एंटी-नेशनल कहने की हिम्मत मत करना। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की सभी मांगों को केंद्र को तुरंत स्वीकार करना चाहिए और एमएसपी की गारंटी के लिए विधेयक लाना चाहिए। मेरी केंद्र सरकार से गुजारिश है की अहंकार छोड़िए। सरकारें जनता से बनती है, जनता सरकारों से नही बनती। अगर जनता इन तीनो बिलों के खिलाफ है तो इनको रद्द किया जाए और MSP के ऊपर किसानों की फसलें खरीद ने की गारंटी देने का बिल बनाया जाए।