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किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया - जनतंत्र में सिर्फ और सिर्फ जनता की मर्ज़ी चलेगी: केजरीवाल

पुलकित नागर | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Nov 19, 2021 | 15:53 IST

Farm laws withdrawn: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने को ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा- अगर सच्चे दिल से शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करो, फिर चाहे मंजिल कितनी भी कठिन और दूर क्यों ना हो, सफलता मिलती है।

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केजरीवाल बोले- कृषि कानून रद्द होना लोकतंत्र की जीत
मुख्य बातें
  • अरविंद केजरीवाल बोले- आज का दिन देश के बच्चों और नौजवानों के लिए एक सीख हैं
  • केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों के रद्द होने पर दी किसानों को बधाई
  • किसानों के प्रबल साहस के सामने वाटर कैनन का पानी सूख गया- केजरीवाल

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार की घोषणा का स्वागत किया है। केजरीवाल ने कहा कि यह केवल किसानों की ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की भी जीत है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि भारत के इतिहास में आज एक सुनहरा दिन है जिसे भारत के इतिहास में 15 अगस्त 26 जनवरी की तरह लिखा जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि आज केंद्र सरकार को किसानों के संघर्ष के आगे झुकना पड़ा और तीनों काले कानून वापस लेने पड़े।

जनतंत्र की जीत

मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज सिर्फ किसानों की जीत नहीं हुई है आज जनतंत्र की जीत हुई और किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया कि जनतंत्र में सरकारों को हमेशा जनता की बात सुननी कोई भी पार्टी हो कोई भी नेता हो जनता के सामने आपका अहंकार नहीं चलेगा। इस लड़ाई में पूरे देश को एक कर दिया इस लड़ाई में सब ने हिस्सा लिया पूरा देश किसानों के साथ खड़ा था धर्म जाति से ऊपर उठकर जिन्होंने सड़क पर तीनों काले कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी आखिर में केंद्र सरकार को उनके आगे झुकना पड़ा। पूरी दुनिया के इतिहास में शायद ही इससे बड़ा या लंबा कोई आंदोलन हुआ हो इतनी शांति पूर्वक तरीके से लाखों लोगों ने संघर्ष किया है ठंड धूप बरसात में कोई पीछे नहीं हटा।'

किसानों की जज्बा नहीं तोड़ पाई सरकार

सीएम केजरीवाल ने कहा, 'इस आंदोलन को तोड़ने के लिए सरकार ने सिस्टम ने सभी एजेंसियों ने जाने क्या-क्या कोशिश की किसानों को आतंकवादी खालिस्तानी anti-national कहा। सब तरीके से किसानों को घेर कर उनके हौसले को तोड़ने की कोशिश की गई। लेकिन आजादी के दीवानों की तरह किसानों ने भी लड़ाई लड़ी और जीते। किसानों के प्रबल साहस के सामने वाटर कैनन का पानी सूख गया, लाठी टूट गई कील गल गयी लेकिन सरकार किसानों का जज्बा नहीं तोड़ पाए।'

700 से अधिक किसानों ने गंवाई जान

मुख्यमंत्री ने कहा, 'आज एक बात का दुख है कि 700 से ज्यादा हमारे किसानों ने अपनी जान गवा दी। इनकी जान बचाई जा सकती थी अगर यह कानून वापस पहले ले लिया गया होता। 700 से ज्यादा परिवार उजड़ गए इन शहीदों को मेरा नमन इनके परिवार को कोटि-कोटि प्रणाम है। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए वाहेगुरु से प्रार्थना करता हूं।आप की कुर्बानियों को यह देश कभी नहीं भूलेगा आज का दिन हमारे देश के बच्चों और नौजवानों के लिए एक सीट है कि अगर सही नियत से शांतिपूर्वक तरीके से संघर्ष करो तो मंजिल कितनी भी कठिन और दूर हो सफलता मिलती है।'

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