नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। यहां शुक्रवार को भी वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज की गई है। वायु गुणवत्ता की लगातार चिंताजनक स्थिति के बीच लोग यहां साफ हवा को तरस गए हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ा रहा है। इस बीच उम्मीद जताई जा रही है कि रविवार के बाद स्थिति में कुछ और सुधार हो सकता है।
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को भी 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया। केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली 'सफर' के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 332 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। यहां हवाओं की तेज रफ्तार के बीच रविवार को वायु प्रदूषण से कुछ हद तक निजात मिलने की संभावना जताई गई है। सफर के मुताबिक, 'अपेक्षाकृत तेज हवाओं के चलने से 21 नवंबर के बाद वायु गुणवत्ता में सुधार के अनुमान हैं।'
प्रदूषण से निजात के लिए उठाए गए कदम
यहां गौर हो कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की विकराल होती स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट तक ने संज्ञान लिया था, जिसके बाद दिल्ली सरकार की ओर से कई फौरी कदम उठाए गए। यहां स्कूल, कॉलेजों को जहां अगले आदेश तक के लिए बंद कर दिया गया है, वहीं तोड़फोड़ व निर्माण गतिविधियों पर भी 21 नवंबर तक रोक लगा दी गई है। साथ ही दिल्ली सरकार ने अपने कर्मचारियों को रविवार तक घर से ही काम करने को कहा है।
दिल्ली में बाहरी राज्यों से प्रवेश करने वाले ट्रकों को लेकर भी पाबंदियां लगाई गई हैं। केवल उन्हीं ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति है, जो आवश्यक सामग्री की ढुलाई कर रहे हैं। गैर-जरूरी सामानों के साथ आने वाले ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। राष्ट्रीय राजधानी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निजात के लिए सरकार ने यहां सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की बात कही है। इसके लिए 1000 निजी सीएनजी बसों को किराये पर लेने का फैसला लिया गया है।